छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश शासन का आरम्भ, छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश काल

छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश शासन का आरम्भ, छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश काल

छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश शासन का आरम्भ 

🏛️ छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश शासन का आरंभ 



🔰 प्रस्तावना

छत्तीसगढ़ का इतिहास अत्यंत समृद्ध और विविधतापूर्ण रहा है। यहां प्राचीन राजवंशों से लेकर मराठों और फिर ब्रिटिश शासन तक का प्रभाव देखा गया। छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश शासन का आगमन केवल प्रशासनिक नियंत्रण तक सीमित नहीं था, बल्कि इसने सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक जीवन को भी गहराई से प्रभावित किया। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे ब्रिटिशों ने छत्तीसगढ़ में शासन की शुरुआत की और कैसे उस कालखंड में आधुनिक छत्तीसगढ़ का निर्माण हुआ।


🗿 छत्तीसगढ़ का प्रारंभिक परिचय

  • स्थान: वर्तमान में मध्य भारत का हिस्सा

  • प्राचीन नाम: दक्षिण कोसल

  • राजनीतिक स्थिति: लंबे समय तक नागवंशी, कलचुरी, मराठा शासकों के अधीन रहा

  • राजधानी: ऐतिहासिक रूप से रायपुर, रतनपुर आदि


⚔️ मराठा शासन से ब्रिटिश नियंत्रण तक

🔹 मराठा नियंत्रण (18वीं शताब्दी):

18वीं शताब्दी के दौरान छत्तीसगढ़ क्षेत्र पर भोंसले मराठों का शासन था, जिनकी राजधानी नागपुर थी। मराठों ने रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, कांकेर, बस्तर आदि क्षेत्रों को अपने अधीन कर लिया।

🔹 ब्रिटिश हस्तक्षेप की शुरुआत:

  • 1818 की तीसरी एंग्लो-मराठा युद्ध में भोंसले मराठों की हार हुई।

  • 1818 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने नागपुर पर अधिकार कर लिया।

  • नागपुर के साथ-साथ छत्तीसगढ़ का अधिकांश भाग भी ब्रिटिश नियंत्रण में आ गया।


🏛️ छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश शासन का औपचारिक आरंभ (1818)

🔹 प्रशासकीय ढाँचा:

  • छत्तीसगढ़ को "छत्तीसगढ़ डिवीजन" के रूप में स्थापित किया गया।

  • इसे मध्य प्रांत (Central Provinces) का हिस्सा बनाया गया।

  • रायपुर को प्रशासनिक मुख्यालय घोषित किया गया।

  • ब्रिटिश अधिकारी "डिप्टी कमिश्नर", "तहसीलदार", और "कलेक्टर" नियुक्त हुए।


  

🏘️ क्षेत्रीय विभाजन

ब्रिटिश शासन के अंतर्गत छत्तीसगढ़ को तीन मुख्य भागों में बाँटा गया:

  1. ब्रिटिश छत्तीसगढ़ – प्रत्यक्ष प्रशासन (जैसे रायपुर, बिलासपुर)

  2. देशी रियासतें – अप्रत्यक्ष नियंत्रण में (बस्तर, कांकेर, कोरिया आदि)

  3. जंगल महल क्षेत्र – सीमांत वनवासी क्षेत्र, जहाँ नियंत्रण धीमा था


 

📊 ब्रिटिश शासन के प्रमुख उद्देश्य


उद्देश्यविवरण
राजस्व वसूलीज़मींदारी प्रथा का विस्तार कर अधिकतम कर वसूली
संसाधनों का दोहनजंगल, खनिज, जल स्रोतों का दोहन  
राजनीतिक स्थिरताविद्रोहों को दबाकर नियंत्रण स्थापित करना
प्रशासनिक विस्तारन्यायालय, थाना, कचहरी, स्कूल आदि की स्थापना   
   

🛣️ छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश शासन के प्रभाव

1. प्रशासनिक बदलाव

  • अंग्रेज़ों ने पहली बार लिखित कानून और न्याय व्यवस्था लागू की।

  • थाना, कोर्ट, जेल और तहसील का निर्माण हुआ।

  • ज़मींदारी और लगान प्रथा को मजबूत किया गया।

2. शिक्षा का आगमन

  • मिशनरी स्कूल, अंग्रेजी स्कूल, पाठशालाएं खोली गईं।

  • शिक्षा सीमित वर्ग तक ही सीमित रही, आदिवासी व महिलाएं वंचित रहीं।

3. संचार और यातायात

  • सड़कों का निर्माण कर व्यापार में सहूलियत बढ़ाई गई।

  • रेल लाइन (रायपुर–विजयनगरम) बिछाई गई।

  • डाक प्रणाली और टेलीग्राम सेवा शुरू हुई।

4. कृषि और राजस्व

  • भूमि सर्वेक्षण कर खेती पर टैक्स लगाया गया।

  • किसानों पर भारी कर थोपा गया।

  • अकाल और गरीबी ने किसानों को विद्रोह के लिए प्रेरित किया।


🔥 जन विद्रोह और प्रतिरोध

ब्रिटिश शासन के दौरान छत्तीसगढ़ में कई जन आंदोलनों और विद्रोहों की लहरें उठीं:

🔹 1. हल्बा विद्रोह (1774–1779)

ब्रिटिश समर्थन प्राप्त बस्तर शासक के विरुद्ध हल्बा जनजाति ने विद्रोह किया।

🔹 2. फरसाबहार आंदोलन (1832)

जशपुर के निकट हुआ यह विद्रोह जमींदारी शोषण के विरुद्ध था।

🔹 3. 1857 का विद्रोह

  • रायपुर और बिलासपुर में विद्रोह की आग जली।

  • विद्रोह कुचल दिया गया लेकिन चेतना जाग उठी।

🔹 4. धरती आबा आंदोलन (1910)

  • बस्तर के आदिवासियों ने ब्रिटिश वन अधिनियम के खिलाफ विद्रोह किया।

  • यह आंदोलन हिंसक रूप में भी सामने आया।


📚 छत्तीसगढ़ में आधुनिक चेतना का उदय

🔸 प्रेस और पत्रकारिता

  • हिंदी समाचार पत्र जैसे "छत्तीसगढ़ मित्र" (1900) ने राष्ट्रीय भावना का प्रचार किया।

🔸 स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी

  • पंडित सुंदरलाल शर्मा, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, नरयण राव मेघे, बृजलाल वर्मा जैसे स्वतंत्रता सेनानी उभरे।

  • 1920 के बाद गांधीजी के आंदोलन से छत्तीसगढ़ भी जुड़ गया।

🔸 आदिवासी चेतना

  • बस्तर, कांकेर, सरगुजा जैसे क्षेत्रों में जनजातीय आंदोलन तेज हुए।

  • वन अधिनियम, ज़मींदारी और धार्मिक हस्तक्षेप के खिलाफ आवाज उठी।


✍️ निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश शासन का आरंभ राजनीतिक विस्तार और आर्थिक शोषण के साथ हुआ, लेकिन उसी कालखंड में आधुनिक चेतना, शिक्षा, संघर्ष और राष्ट्रभक्ति की लहरें भी चलीं।

यह वही दौर था जिसने छत्तीसगढ़ को अंधकार से उठाकर आधुनिकता की ओर अग्रसर किया।

आज जब छत्तीसगढ़ विकास की ओर बढ़ रहा है, तो उसका इतिहास, संघर्ष, और जन आंदोलन हमें प्रेरणा देने वाले स्रोत हैं।


❓ सामान्य प्रश्न (FAQs)

Q1. छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश शासन की शुरुआत कब हुई?
👉 1818 में, जब मराठा पराजय के बाद ब्रिटिशों ने नागपुर और छत्तीसगढ़ पर अधिकार किया।

Q2. ब्रिटिश शासन में रायपुर की क्या भूमिका थी?
👉 रायपुर को छत्तीसगढ़ डिवीजन का प्रशासनिक केंद्र बनाया गया।

Q3. ब्रिटिश काल में छत्तीसगढ़ में कौन-कौन से आंदोलन हुए?
👉 हल्बा विद्रोह, धरती आबा आंदोलन, 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, सरगुजा विद्रोह आदि।

Q4. आधुनिक छत्तीसगढ़ का निर्माण कब हुआ?
👉 1 नवंबर 2000 को, जब यह मध्य प्रदेश से अलग होकर नया राज्य बना।

          

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