
चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। यह सौर मंडल का पाचवाँ,सबसे विशाल प्राकृतिक उपग्रह है। इसका आकार क्रिकेट बॉल की तरह गोल है। और यह खुद से नहीं चमकता बल्कि यह तो सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है। पृथ्वी से चन्द्रमा की दूरी 37403 किलोमीटर है। यह दूरी पृथ्वी के व्यास का 30 गुना है। चन्द्रमा पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से 1/6 है। यह पृथ्वी कि परिक्रमा 27.3 दिन में पूरा करता है और अपने अक्ष के चारो ओर एक पूरा चक्कर भी 27.3 दिन में लगाता है। यही कारण है कि चन्द्रमा का एक ही हिस्सा या फेस हमेशा पृथ्वी की ओर होता है।
चंद्रमा, वैज्ञानिकों के लिए हमेशा एक अनसुलझी पहेली रहा था लेकिन जैसे जैसे विज्ञान बढ़ता गया वैसे वैसे चंद्रमा के कई रहस्य खुलते गये। 1969 में नील आर्मस्ट्रांग चंद्रमा पर पहुँचने वाले पहले वैज्ञानिक बने। अब तक कई वैज्ञानिक चाँद पर जा चुके हैं। आज हम आपको चाँद से जुडी कुछ रहस्यमयी जानकारियां बतायेंगे –
- चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है ।
- चन्द्रमा पर आसमान हमेशा काला दिखाई देता है।
- चंद्रमा धरती से हर साल 3.8 सेंटी मीटर दूर होता जा रहा है
- अगर सूरज ना होता तो हम कभी चंद्रमा को भी नहीं देख पाते।
- पिछले 41 सालों से चंद्रमा पर कोई व्यक्ति नहीं गया।
- चंद्रमा गोल नहीं है, इसका आकार अंडाकार है।
- चंद्रमा पर 6 झंडे गाढ़े जा चुके हैं जिनमें से 5 अभी भी गढे हुए हैं।
- बुज एल्ड्रिन (Buzz Aldrin) चंद्रमा पर पेशाब करने वाले पहले व्यक्ति हैं।
- अगर चंद्रमा नहीं होता तो धरती पर दिन केवल 6 घण्टे का होता।
- चंद्रमा की मिटटी में बारूद जैसी गंध आती है।
- चंद्रमा पर जाने वाले वैज्ञानिकों को आइसलैंड में ट्रेनिंग दी जाती है।
- चन्द्रमा को जीवाष्म ग्रह भी कहते है ।
- चंद्रमा का आकार पृथ्वी के आकार का लगभग 1/4 है ।
- चंद्रमा पर छोटे छोटे भूकंप भी आते रहते हैं।
- चंद्रमा धरती का इकलौता प्राकृतिक उपग्रह है।
- पृथ्वी का वजन चाँद से 80 गुना ज्यादा है ।
- चाँद 27 दिन, 7 घंटे, 43 मिनट, 11.6 सेकेण्ड में पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करता है ।
- सौर मंडल में बहुत सारे चंद्रमा मौजूद हैं और हमारा चंद्रमा पाँचवा सबसे बड़ा चंद्रमा है ।
- चंद्रमा पर वातावरण (atmosphere) नहीं है इसलिये चंद्रमा पर कोई आवाज सुनाई नहीं देती
- चंद्रमा पूर्व में उगता है और पश्चिम में छिपता है।
- धरती से चंद्रमा का केवल 60% हिस्सा ही दिखाई देता है (और कभी कभी 50%)
- चंद्रमा की धरती से दूरी 384403 किलोमीटर है ।
- पृथ्वी से अधिकतम दूरी – 4,06,000 किमी. (अप-भू दूरी) ।
- पृथ्वी से न्यूनतम दूरी – 3,64,000 किमी. (उप-भू दूरी) ।
- चन्द्रमा की घूर्णन अवधि (अपने अक्ष पर) – 27 दिन 7 घंटे 43 मिनट, 11. 47 सेकेंड ।
- चन्द्रमा पर वायुमण्डल – अनुपस्थित ।
- चन्द्रमा का व्यास – 3,476 किमी. ।
- घनत्व (पानी के सापेक्ष) – 3.34 ।
- घनतव (पृथ्वी के सापेक्ष) – 0.6058 ।
- चन्द्रमा की सतह का अदृष्य भाग – 0.41 (41 %) ।
- चंद्रमा का अध्ययन करने वाले विज्ञान को Selenology कहा जाता है ।
- चंद्रमा का व्यास (Diameter) – 3478 किमी. है ।
- चंद्रमा के कम गुरूत्वाकर्षण के कारण वायुमण्डल नहीं है ।
- चंद्रमा के प्रकाष को पृथ्वी तक पहुँचने में 1.3 सेकण्ड का समय लगता है ।
- चंद्रमा पर कई गहरे गड्डे और ऊँचे पर्वत पठार है।
- चंद्रमा पर सबसे ऊँचा पर्वत लिबनिट्ज पर्वत है। जिसकी ऊँचाई 35000 फीट है ।
- चन्द्रमा की चट्टानों में टाइटेनियम काी अत्यधिक मात्रा पायी जाती है ।
- पृथ्वी पर होने वाले ज्वार भाटा, चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण की वजह से ही होते हैं।
- जब धरती, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तो चंद्र ग्रहण होता है।
- हमारा चंद्रमा 4.5 Billion (साढ़े चार अरब) साल पुराना है।
- पृथ्वी के चारों ओर घूमने की अवधि (परिभ्रमण काल) – 27 दिन 7 घंटे 43 मिनट, 11.47 सेकेंड ।
- चंद्रमा का क्षेत्रफल अफ्रीका महाद्वीप के क्षेत्रफल के ठीक बराबर है।
- रॉकेट से चंद्रमा तक जाने में 13 घंटे लगते हैं। इतनी दूर कार से जाने में करीब 130 दिन लगेंगे।
- चन्द्रमा के पास अपनी रौशनी नहीं है। चंद्रमा सूरज की रौशनी से ही प्रकाशित होता है।
- चाँद पर पहुँचने वाले सबसे पहले वैज्ञानिक नील आर्मस्ट्रॉन्ग (1969) हैं और Gene Cernan (1972) सबसे आखिरी वैज्ञानिक हैं।
- चंद्रमा पर गुरूत्वाकर्षण बल (Gravitational Force) का मान पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण के 1/6 के बराबर है ।
- चन्द्रमा के उच्चतम पर्वत की ऊँचाई – 35,000 फीट, लीबनिट्ज पर्वत, जो कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्थित है।
- चंद्रमा पर पानी नहीं है लेकिन वैज्ञानिकों का दावा है कि चंद्रमा पर पानी है इसके लिए रिसर्च जारी है।
- भारत द्वारा अक्टूबर 2008 में प्रक्षेपित चन्द्रयान-1 की खोज से चन्द्रमा की सतह पर जल की मौजूदगी के ठोस प्रमाण प्राप्त हुए है ।
- NASA चंद्रमा पर एक permanent space station बनाना चाहता है इसलिए 2019 में फिर से वैज्ञानिकों को चाँद पर भेजा जा सकता है ।
- अमेरिका ने एक बार चंद्रमा पर परमाणु बम गिराने का सोचा था ताकि वो दुनिया को अपनी पॉवर दिखा सके।
- जिस स्थान पर 21 जुलाई 1969 को यह दोनों पहुँचे थे उसे Sea of Tranquility (शांति का सागर) कहा जाता है ।
- चंद्रमा के धरातल पर पहाड़, खाई और बड़े विशाल गड्ढे हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रमा पर उल्का पिंडों के टकराने से ये गड्ढे बने हैं।
- चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण (Gravity) धरती के गुरुत्वाकर्षण से 6 गुना कम है यानि चंद्रमा पर 60 किलो के इंसान का वजन केवल 10 किलो ही बैठेगा।
- एक प्रचलित सिद्धांत के अनुसार, चंद्रमा पहले धरती का ही हिस्सा था लेकिन एक बड़ी चट्टान या उल्कापिंड या उपग्रह के टकराने से धरती का कुछ हिस्सा टूट कर गिर गया जिसे चंद्रमा कहते हैं।
- चंद्रमा पर नील आर्मस्ट्रॉन्ग के पाँव के निशान आज भी बने हुए हैं और वैज्ञानिक मानते हैं कि 10 करोड़ साल तक ये निशान ऐसे ही बने रहेंगे क्योंकि चंद्रमा पर हवा नहीं है जो पैर के निशान मिटा सके।
- चंद्रमा पर वातावरण ना होने की वजह से सूर्य की पराबैंगनी किरणें और कॉस्मिक किरणें सीधे अंदर पहुँच जाती हैं इसीलिए चंद्रमा पर दिन में तापमान 107 डिग्री सेल्सियस हो जाता है जो बहुत ज्यादा गर्म है। और वातावरण न होने की वजह से ही रात को तापमान -153 डिग्री सेल्सियस हो जाता है यानि भयंकर सर्दी, इसलिए चंद्रमा पर जीवों की उत्पत्ति अभी संभव नहीं है।