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छत्तीसगढ़ का नल वंश का इतिहास – Nal Dynasty of Chhattisgarh History

by staff

छत्तीसगढ़ का नल वंश का इतिहास - Nal Dynasty of Chhattisgarh History

छत्तीसगढ़ का नल वंश

  • छत्तीसगढ़ के नल वंश को नल-नाग वंश भी कहा जाता था।
  • नल वंश के समकालीन वाकाटक थे।
  • इन दोनों वंशो के बिच लंबा संघर्ष चला।
  • नल वंश का वर्णन वायु पुराण में किया गया है।
  • नल वंश का मुद्रा अड़ेगा (कोंडागांव) से प्राप्त हुई है।
  • नल वंश का अंत कलचुरियो द्वारा किया गया। 

नल वंश के शासनकाल

छत्तीसगढ़ के नल वंश का शासन काल 4थी से 12वी सदी तक रहा। 

छत्तीसगढ़ के नल वंश का संस्थापक

  • छत्तीसगढ़ के नल वंश का संस्थापक शिशुक था। किन्तु इसके वास्तविक संस्थापक वराहराज को माना जाता है।

नल वंश का शासन क्षेत्र

  • छत्तीसगढ़ के नल वंश का शासन दंडकारण्य ( बस्तर ) क्षेत्र था। 

नल वंश की राजधानी

  • छत्तीसगढ़ के नल वंश की राजधानी पुष्करि ( भोपालपट्टनम ) / कोरापुट ( ओडिसा ) था।

नल वंश के प्राप्त अभिलेख

नल वंश के अभीतक पांच अभिलेख प्राप्त हुए हैं। 

  • ऋद्धिपुर का ताम्रपत्र भवदत्त वर्मा 
  • केशरिबेढ़ का ताम्रपत्र अर्थपति  
  • पड़ियापाथर का ताम्रपत्र भीमसेन द्वीतीय
  • राजिम का  शिलालेख विलासतुंग
  • पोड़ागढ़ का शिलालेख स्कंदवर्मन

सोने के सिक्के चलवाने वाले नलवंशीय शासक

  • वराहराज
  • अर्थपति भट्टारक
  • भवदत्त वर्मन

नल वंश के प्रमुख शासक Chief Ruler of Nal Dynasty

1. शिशुक

  • शिशुक (290-330 ई.) को नलवंश का संस्थापक माना जाता है।

2. व्याघ्रराज

  • हरिषेण की प्रयाग प्रशस्ति के अनुसार समुन्द्रगुप्त ने दक्षिणापथ विजय अभियान के दौरान नलवंशीय शासक व्याघ्रराज को पराजित किया और व्याघ्रहंता की उपाधि धारण किया।

3. वृषभराज

  • वृषभराज ने सत्ता का संचालन किया।

4. वराहराज (400 -440 ई.)

  • वराहराज को नलवंश का वास्तविक संस्थापक माना जाता है।
  • वराहराज की मुद्रा कोंडागांव के अड़ेगा गांव से मिली है । अड़ेगा गांव में प्राप्त मृदभांड में 29 स्वर्ण मुद्राएं मिली है।

5. भवदत्तवमर्न (440 -460 ई.)

  • भवदत्त वर्मन ने महाराजा एवं भट्टारक की उपाधि धारण किया था। 
  • भवदत्त वर्मन का विवाह अंचाली भट्टारिका से हुई थी। 
  • भवदत्त वर्मन की जानकारी रिद्दीपुर ताम्रपत्र ,पोड़ागढ़ शिलालेख से प्राप्त होती है। 
  • पोडगढ़ शिलालेख में भवदत्त वर्मन को नल वंश का प्रथम शासक कहा गया है।
  • भवदत्त के रिद्दीपुर अभिलेख के अनुसार इन्होने वाकाटक नरेश नरेंद्र सेन को पराजित कर उसकी राजधानी नंदिवर्धन(नागपुर ) को तहस नहस कर दिया था। 
  • नरेंद्रसेन के पुत्र पृथ्वीसेन द्वितीय ने भवदत्त वर्मन के पुत्र अर्थपति को पराजित कर अपने पिता के पराजय का बदला लिया । इस युद्ध में अर्थपति की मृत्यु हो गयी।

6. अर्थपति भट्टारक(460 -475 ई.)

  • अर्थपति भट्टाचार्य की राजधानी पुष्करी थी।
  • अर्थपति भट्टाचार्य ने भट्टारक की उपाधि धारण किया था।
  • अर्थपति भट्टाचार्य की जानकारी केसरीबेड़ा ताम्रपत्र, पड़ियापाथर ताम्रपत्र, पोड़ागढ़ शिलालेख से मिलता है।
  • केसरीबेड़ा ताम्रपत्र के अनुसार वाकाटक नरेश पृथ्वीसेन ने अर्थपति भट्टारक को पराजित कर राजधानी पुष्करी को तहस-नहस कर दिया था। इस युद्ध में अर्थपति भट्टारक मारा गया।
  • अर्थपति भट्टाचार्य ने अपने राज में सोने के सिक्के चलवाये थे।

7. स्कंदवर्मन(475 -515 ई.)

  • स्कंदवर्मन की जानकारी पोड़ागढ़ शिलालेख से प्राप्त होती है। 
  • स्कंदवर्मन ने ही पोड़ागढ़ शिलालेख जारी करवाया था। 
  • नल वंश का सबसे प्राचीन शिलालेख पोड़ागढ़ शिलालेख है।
  • स्कंदवर्मन ने नल वंश की पुनर्स्थापना किया यह इस वंश का अत्यधिक शक्तिशाली शासक था।
  • स्कंदवर्मन ने राजधानी पुष्करी को फिर से बसाया एवं अपने साम्राज्य का विस्तार किया।
  • स्कंदवर्मन ने पोड़ागढ़ में विष्णु मंदिर का निर्माण करवाया।
  • स्कंदवर्मन ने वाकाटक वंश के शासक देवसेन को पराजित किया। 

8. स्तंभराज

  • कुलिया अभिलेख(दुर्ग ) से स्तंभराज व नंदराज का वर्णन मिलता है।

9. नंदराज

  • कुलिया अभिलेख(दुर्ग ) में स्तंभराज व नंदराज का वर्णन मिलता है।

10. पृथ्वीराज

  • पृथ्वीराज के शासनकाल में चालुक्यी वंशीय शासक कीर्तिवर्मन प्रथम ने नल वंश पर आक्रमण किया था।
  • राजिम शिलालेख से प्राप्त जानकारी के अनुशार पृथ्वीराज विलासतुंग के पितामह थे।

11. विरुपाक्ष

  • राजिम शिलालेख से प्राप्त जानकारी के अनुशार विरुपाक्ष विलासतुंग के पिता थे।

12. विलासतुंग(700 -740 ई.)

  • विलासतुंग नल वंश का सबसे प्रतापी राजा था।
  • विलासतुंग भगवान् विष्णु के उपासक था।
  • विलासतुंग के बारे में जानकरी राजिम शिलालेख से मिलती है। 
  • विलासतुंग के राजिम शिलालेख से छत्तीसगढ़ के प्राचीन इतिहास का स्त्रोत  मिलता है ।
  • विलासतुंग ने 712 ई. में राजिम के राजीव लोचन मंदिर का निर्माण कराया।
  • विलासतुंग के समय मंदिरो में मंडप, मडप द्धार का निर्माण हुआ।

13. पृथ्वीव्याघ्र

  • पृथ्वीव्याघ्र की जानकारी उदयेन्दिरम शिलालेख से मिलती है।

14. भीमसेन देव

  • भीमसेन देव शैव धर्म के उपासक थे। 

15. नरेंद्र थबल

  • नरेंद्र थबल नल वंश के अंतिम शासक था।

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