छत्तीसगढ़ के पद्म पुरस्कार विजेता
शासकीय सम्मान एवं पुरस्कारों में भारत रत्न देश का सर्वाेच्च नागरिक सम्मान हैं। पद्मविभूषण दूसरा पद्मभूषण तीसरा एवं पद्मश्री चौथा भारत का सर्वाेच्च नागरिक सम्मान है।
ये सभी सम्मान भारत सरकार द्वारा प्रदान किए जाते हैं।
वहीं बात करें छत्तीसगढ़ की तो भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्न नामचिन व्यक्तियों को पद्मभूषण एवं पद्मश्री सम्मान से नवाजा दिया गया हैं।
आईये जानते है छत्तीसगढ़ के उन महान हस्तियों के बारे में जिन्हे भारत सरकार द्वारा पद्म पुरुष्कार से
सम्मानित किया गया है –
छत्तीसगढ़ के पद्म पुरस्कार विजेता
डॉ. द्विजेन्द्र नाथ मुखर्जी
- चिकित्सक
- चिकित्सा क्षेत्र में सन् 1965 में पद्मश्री से अलंकृत
श्री हबीब तनवीर –
- पद्मश्री -1983
- पद्मभूषण -2002
हबीब तनवीर जी छत्तीसगढ़ के प्रमुख रंगकर्मी रहे है और राज्यसभा के सदस्य भी रहे है। इन्होने 1954 में “हिंदुस्तान थियेटर” की स्थापना की और 1959 में “नया थियेटर” स्थापित किया था। चरणदास चोर, आगरा बाजार,माटी की गाड़ी आदि का मंचन करने का श्रेय इन्ही को जाता है। इनका मंचन करने का तरीका और से कई अलग था। 1983 में हबीब तनवीर को डी.लिट् की उपाधि संगीत विश्व विद्यालय खैरागढ़ से से दिया गया था।
श्रीमति तीजन बाई –
- पद्मश्री -1987
- पद्मभूषण – 2003
तीजन बाई एक पंडवानी गायिका है जो पाटन, दुर्ग की रहने वाली है। इन्होने छत्तीसगढ़ का नाम देश- विदेशो में विख्यात किया है। ये वेदमती शैली की पंडवानी गायिका है। तीजन बाई को डी.लिट् की उपाधि गुरुघासीदास विश्व विद्यालय से प्राप्त है। इनके गुरु का नाम झाडूराम देवांगन एवं रावण झीवन है।
पंडित मुकुटधर पांडेय –
- पदमश्री- 1976
30 सितम्बर 1895 बालपुर (जांजगीर-चापा) में प. मुकुटधर पांडेय का जन्म हुआ। “प. मुकुटधर पांडेय स्मृति शिक्षक सम्मान” इन्ही के सम्मान में दिया जाता है। इन्होने छायावादी काव्यधारा की पहली कविता “कुर्री के प्रति” लिथी।
राजमोहिनी देवी
- गांधीवादी विचारधारा वाली एक समाज सेविका, जिन्होंने शराब बंदी के लिए अभियान चलाया
- सामाजिक कार्य के क्षेत्र में सन् 1989 में पद्मश्री से अलंकृत
धरमपाल सैनी
- बस्तर क्षेत्र में आदिवासी बच्चों के लिए शिक्षा अभियान चलाया
- सामाजिक कार्य के क्षेत्र सन् 1992 में पद्मश्री से अलंकृत
डॉ. अरूण त्र्यंबक दाबके
- शिशु रोग विशेषज्ञ
- चिकित्सा क्षेत्र में सन् 2004 में पद्मश्री से अलंकृत
पुनाराम निषाद
- पंडवानी लोकगीत के कलाकार
- कला जगत क्षेत्र में सन् 2005 में पद्मश्री से अलंकृत
मेहरूनिशा परवेज Mehrunisha Parvez
- प्रसिद्ध लेखिका
- शिक्षा एवं साहित्य क्षेत्र में सन् 2005 में पद्मश्री से अलंकृत
डॉ. महादेव प्रसाद पाण्डेय Dr. Mahadev Prasad Pandey
- आयुर्वेद शिक्षक एवं स्वतंत्रता सेनानी
- शिक्षा एवं साहित्य क्षेत्र में सन् 2007 में पद्मश्री से अलंकृत
जॉन मार्टिन नेल्सन John Martin Nelson
- प्रसिद्ध मूर्तिकार
- कला जगत क्षेत्र में सन् 2008 में पद्मश्री से अलंकृत
गोविन्दराम निर्मलकर Govindram Nirmalkar
- छत्तीसगढ़ी लोककला नाचा के पर्याय
- कला जगत क्षेत्र में सन् 2009 में पद्मश्री से अलंकृत
डॉ. सुरेन्द्र दुबे Dr. Surendra Dubey
- प्रसिद्ध हास्य कवि
- शिक्षा एवं साहित्य क्षेत्र में सन् 2010 में पद्मश्री से अलंकृत
सत्यदेव दुबे Satyadev Dubey
- जाने माने नाटककार, पटकथा लेखक, फ़िल्म एवं नाट्य निर्देशक
- कला एवं रंगमंच क्षेत्र में सन् 2011 में पद्मभूषण से अलंकृत
डॉ. पुखराज बाफना Dr. Topraj Bafna
- शिशु रोग विशेषज्ञ
- चिकित्सा क्षेत्र में सन् 2011 में पद्मश्री से अलंकृत
शमशाद बेगम Shamshad Begum
- महिलाओं के साक्षरता
- सामाजिक कार्य क्षेत्र में सन् 2012 में पद्मश्री से अलंकृत
फुलबासन बाई यादव Fulbasan Bai Yadav
- महिलाओं को स्वरोजगार के लिए स्वयं सहायता समूहों से जोड़ना
- सामाजिक कार्य क्षेत्र में सन् 2012 में पद्मश्री से अलंकृत
स्वामी जी.सी.डी भारती (भारती बंधु) Bharti Bhandhu
- अंतर्राष्ट्रीय सूफी गायक
- कला जगत क्षेत्र में सन् 2013 में पद्मश्री से अलंकृत
अनुज शर्मा Anuj Sharma
- छत्तीसगढ़ी सिनेमा के सबसे ज्यादा चर्चित अभिनेता
- कला जगत क्षेत्र में सन् 2014 में पद्मश्री से अलंकृत
सबा अंजुम Saba anjum
- भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान
- पद्मश्री पुरस्कार पाने वाली प्रदेश की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी
- खेल जगत क्षेत्र में सन् 2015 में पद्मश्री से अलंकृत
शेखर सेन Shekhar Sen
- हिन्दी नाट्य जगत के गायक, संगीतकार, गीतकार एवं अभिनेता
- संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष
- कला जगत क्षेत्र में सन् 2015 में पद्मश्री से अलंकृत
ममता चन्द्राकर Mamta Chandrakar
- छत्तीसगढ़ की लोकगायिका एवं छत्तीसगढ़ की स्वर कोकिला
- कला जगत क्षेत्र में सन् 2016 में पद्मश्री से अलंकृत
अरूण शर्मा Arun Sharma
- भारत के प्रसिद्ध पुरातत्वविद तथा छत्तीसगढ़ शासन के पुरातात्विक सलाहाकार
- पुरातत्व क्षेत्र में सन् 2017 में पद्मश्री से अलंकृत
पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी Pandit Shyamlal Chaturvedi
- साहित्यकार एवं पत्रकार तथा छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के प्रथम अध्यक्ष
- शिक्षा एवं साहित्य क्षेत्र में सन् 2018 में पद्मश्री से अलंकृत
दामोदर गणेश बापट Damodar Ganesh Bapat
- कुष्ट पीड़ितों की सेवा में पूरा जीवन समर्पित
- सामाजिक कार्य क्षेत्र में सन् 2005 में पद्मश्री से अलंकृत
मदन चौहान
- पद्मश्री सम्मान 2020
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध सूफी गायक मदन चौहान को 2020 पद्मश्री सम्मान से सम्मानित हुए।
मदन चौहान ने बताया कि देश की आजादी के दो महीने बाद 15 अक्टूबर 1947 को उनका जन्म हुआ। केवल 10 साल के थे, तब घर में टीन का डिब्बा बजाते थे। धीरे-धीरे संगीत का शौक जागा और तबला, हारमोनियम के साथ मंच पर प्रस्तुति देते लगभग 55 साल हो गए। बचपन से उनका रूझान साधु, संतों के भजन गायन में रहा है। संगीत के प्रारंभिक गुरु पं.कन्हैयालाल भट्ट रहे।