
छत्तीसगढ़ राज्य देश के मध्य-पूर्व में स्थित है। भौगोलिक संरचना के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य को मुख्यतः चार प्रवाह प्रणाली (नदी कछारों) में बाँटा जा सकता है, जिसमें प्रदेश की नदियाँ सम्मिलित हैं-
- महानदी (Mahanadi) प्रवाह प्रणाली (58.48 %) – सबसे बड़ी अपवाह तंत्र
- गोदावरी ( Godavari) प्रवाह प्रणाली (28 %)
- गंगा नदी (River Ganga) प्रवाह प्रणाली (13.15 %)
- नर्मदा (Narmada) प्रवाह प्रणाली (0.58 %) – सबसे छोटी अपवाह तंत्र
महानदी प्रवाह प्रणाली
प्रवाह क्षेत्र
- बिलासपुर ,रायपुर, दुर्ग संभाग
- महानदी तथा इसकी सहायक नदियां पुरे छत्तीसगढ़ का 58.48% जल समेट लेती है ।
- छत्तीसगढ़ की गंगा के नाम से प्रसिद्ध महानदी धमतरी के निकट सिहावा पहाड़ी से निकलकर दक्षिण से उत्तर की ओर बहती हुई बिलासपुर जिले को पार कर पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है
- तथा उड़ीसा राज्य से होती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है ।
महानदी Mahanadi
- मध्य भारत के मध्य छत्तीसगढ़ राज्य की पहाड़ियों में सिहावा पर्वत से निकलती है।
- इस नदी को ‘उड़ीसा का शोक’ भी कहा जाता है, जिसका कारण इसकी बाढ़ विभीषिका है।
- प्राचीनकाल में महानदी का नाम चित्रोत्पला , कनकनंदनी, महानन्दा एवं नीलोत्पला था
- महानदी का प्रवाह दक्षिण से उत्तर की तरफ है।
- महानदी की कुल लंबाई 851 किलोमीटर है जिसका 286 किलोमीटर छत्तीसगढ़ में है ।
- राज्य का सबसे लंबा ‘सड़क पुल” 1830 मीटर महानदी पर रायगढ़ के नदीगांव में बना है
महानदी के तट पर स्थित शहर
छत्तीसगढ़ में महानदी के तट पर स्थित शहर धमतरी, कांकेर, चारामा, राजिम, चम्पारण, आरंग, सिरपुर, शिवरी नारायण स्थित हैमहानदी की प्रमुख सहायक नदियाँ
- महानदी की प्रमुख सहायक नदियाँ शिवनाथ, अरपा, हसदो, तांदूला नदीखारून, जोंक, पैरी, माण्ड, ईब, केलो, बोराई, दूध, आदि महानदी में मिलकर इस नदी का हिस्सा बन जाती है।
महानदी की प्रवाह क्षेत्र – प्रदेश में इसका प्रवाह क्षेत्र धमतरी, महासमुन्द, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ एवं जशपुर जिले में है ।
महानदी काम्प्लेक्स Mahanadi Complex
- सिकासार बाँध (गरियाबंद)
- सोंढुर बाँध (धमतरी )
महानदी परियोजना Mahanadi Project
- गंगरेल बांध / रविशंकर सागर जलाशय (धमतरी) (1979) Gangrel Dam / Ravi Shankar Sagar Reservoir (Dhamtari)
- माडमसिल्ली जलाशय (धमतरी) Madamasili Reservoir (Dhamtari)
- रुद्री पिक-अप वियर (धमतरी) (1915) Rudri Pick-up Wear (Dhamtari)
- दुधावा जलाशय (कांकेर) Dudhwa Reservoir (Kanker)
महानदी पर बने संगम Sangam on the Mahanadi
- राजिम : महानदी + पैरी + सोंढुर
- शिवरीनारायण (जांजगीर-चम्पा) : महानदी + शिवनाथ + जोंक
- चंद्रपुर (जांजगीर-चम्पा) : महानदी + मांड + लात
विशेष –
- ‘छत्तीसगढ़ राज्य की गंगा’ कही जाती है।
- छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा भी कही जाती है।
महानदी की प्रमुख सहायक नदियां
हसदों नदी Hasdon River
- यह नदी कोरिया जिले की कैमूर की पहाड़ियों से निकलकर कोरबा, बिलासपुर,चांपा जिलों में बहती हुई महानदी में मिल जाती है।
- इसकी कुल लंबाई 176 किमी और प्रवाह क्षेत्र 7.210 किमी है।
- चांपा से बहती हुई शिवरीनारायण से 8 मील की दूरी में महानदी में मिल जाती है ।
- इसमें कटघोरा से लगभग 10-12 किमी पर प्रदेश की सबसे ऊंची तथा बड़ी मिनीमाता हसदों बांगो नामक बहुउद्देशीय परियोजना का निर्माण किया गया है ।
- जलप्रपात अमृतधारा जलप्रपात कोरिया का एक प्राकृतिक झरना है, जो हसदो नदी पर स्थित है।
- सर्वमंगला मंदिर -यह स्थान कोरबा शहर में हसदेव नदी के तट पर है
- विशेष – एक सर्वे के अनुसार हसदेव नदी छत्तीसगढ़ की सबसे प्रदूषित नदी है। कारण कोरबा, चाम्पा , मनेन्द्रगढ़ जैसे औद्योगिक शहर है।
माण्ड नदी Mand River
- यह नदी सरगुजा जिले की मैनपाट पठार के उत्तरी भाग से निकलती है ।
- फिर रायगढ़ जिले के घरघोड़ा एवं रायगढ़ तहसील में बहती हुई जांजगीर-चांपा की पूर्वी भाग में स्थित चन्द्रपुर के निकट महानदी में मिल जाती है ।
- यह सरगुजा,रायगढ़,जशपुर की सीमा से होते हुए जांजगीर-चांपा जिलों में बहती हुई चन्द्रपुर (महानदी+मांड+लात) में महानदी से मिल जाती है।
- कुरकुट और कोइराज इसकी सहायक नदियां है ।
- माण्ड नदी घाटी कोयला प्राप्ति का क्षेत्र है|
- इसकी लम्बाई 155 किलोमीटर है।
केलो नदी Kelo River
- इसका उदगम रायगढ़ जिले की घरघोड़ा तहसील में स्थित लुडे़ग पहाडी से हुआ है ।
- घरघोड़ा एवं रायगढ़ तहसीलों में उत्तर से दक्षिण की ओर बहते हुए उड़ीसा राज्य के महादेव पाली नामक स्थान पर महानदी में विलीन हो जाती है ।
ईब नदी Eb River
- इसका उद्गम जशपुर जिले के पण्डरापाट नामक स्थान पर खुरजा पहाडि़यो से हुआ है ।
- छ.ग. में इसकी कुल लम्बाई 87 किमी है।यह महानदी की प्रमुख सहायक नदी है ।
- ढाल के अनुरूप उत्तर से दक्षिण की ओर जशपुर जिले में बहते हुए उड़ीसा राज्य में प्रवेश कर हीराकुंड नामक स्थान से 10 किमी पूर्व महानदी में मिलती है ।
- मैना, डोंकी इसकी प्रमुख सहायक नदिया है ।
- इसका अपवाह क्षेत्र सरगुजा के 250 वर्ग किमी तथा रायगढ़ जिले के 3546 वर्ग किमी में है
पैरी नदी Parry River
- पैरी महानदी की सहायक नदी है। पैरी गरियाबंद तहसील की बिन्द्रानवागढ़ जमींदारी में स्थित भातृगढ़ पहाड़ी से निकलती है।
- उत्तर-पूर्व दिशा की ओर करीब 96 कि॰मी॰ बहती हुई राजिम क्षेत्र में महानदी से मिलती है।
- पैरी नदी धमतरी और राजिम को विभाजित करती है।
- पैरी नदी के तट पर स्थित है राजीवलोचन मंदिर।
- राजिम में महानदी और सोंढुर नदियों का त्रिवेणी संगम-स्थल भी है।
- इसकी लम्बाई 90 किलोमीटर है तथा प्रवाह क्षेत्र 3,000 वर्ग मीटर है।
- पैरी नदी पर सिकासार परियोजना(1995)और सोंढूर नदी पर सोंढूर परियोजना (1979-80) संचालित है|
- इसकी प्रमुख सहायक नदी सोंढूर है जो कि नरियल पानी से निकलती है|
जोंक नदी Jonk River
- भातृगढ़ पहाड़ी, तहसील बिंद्रानवागढ़, जिला गरियाबंद से निकलकर महानदी में राजिम में आकर मिलती है।
- रायपुर जिलें में लम्बाई 90 किलोमीटर है तथा इसका अपवाह क्षेत्र 2480 वर्ग किमी है।
- यह महासमुन्द के पहाड़ी क्षेत्र से निकलकर रायपुर जिले में बहतें हुए पूर्व की ओर महानदी के दक्षिणी तट पर स्थित शिवरीनारायण के पास महानदी में मिलती है।
सोंढुर नदी Sondur River
- नरियल पानी से निकलती है|
- सोंढूर नदी पर सोंढूर परियोजना (1979-80) संचालित है|
- वासतविक नाम मुचकुंदपुर था,वह कालंतर में वरत़़मान नाम मेचका है,
- सोंढुर नाले पर डैम बनने के कारण सोंढुर नाम परचलन मे आया है
- सोंढूँर नदी राजिम में महानदी से मिलती है जहाँ पैरी, महानदी और सोंढूर नदियों का त्रिवेणी संगम-स्थल है।
ताल नदी Tal River
- रायपुर जिले के आदिवासी बहुल देवभोग विकास खंड में बहती है।
- इसमें सूखे मौसम के दौरान भी रेत के नीचे पानी का पर्याप्त बहाव रहता है।
- यह महानदी की सहायक नदी है।
दूध नदी Dudh river
- इसका उदगम कांकेर से लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित मलाजकुण्डम पहाड़ी से हुआ है, जो पूर्व की ओर बहते हुए महानदी में मिल जाती है ।
शिवनाथ नदी Shivnath River
- छत्तीसगढ़ की सबसे लम्बी नदी 290 Km है।
- शिवनाथ नदी महानदी की सबसे प्रमुख तथा सबसे बड़ी सहायक नदी है।
- इसका उद्गम स्थल छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव की उच्च भूमि में अम्बागढ़ तहसील की 625 मीटर ऊँची पानाबरस पहाड़ी से हुआ है।
- यह नदी राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर तथा जांजगीर-चांपा ज़िलों में होते हुए जांजगीर ज़िले के सोन लोहरसी के पास (रायपुर से लगी सीमा पर) महानदी में जाकर मिल जाती है।
- शिवनाथ नदी अपने उद्गम स्थल से 40 कि.मी. की दूरी तक उत्तर की ओर बहकर ज़िले की सीमा के पूर्व की ओर बहते हुए शिवरीनारायण के निकट महानदी मिलती है।
- जलग्रहण क्षमता एवं लम्बाई की दृष्टि से यह छत्तीसगढ़ की अत्यन्त महत्त्वपूर्ण नदी है।
- इस नदी की प्रदेश में लम्बाई 290 कि.मी. है।
- शिवनाथ नदी राजनांदगांव में 384 वर्ग कि.मी. तथा दुर्ग ज़िले में 22484 वर्ग कि.मी. अपवाह क्षेत्र का निर्माण करती है।
- इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हांप, आगर, मनियारी, अरपा, खारून, लीलागर, तान्दुला, खरखरा, अमनेरा खोरसी, जमुनियाँ आदि प्रमुख हैं।
- इस नदी के किनारे प्रमुख अम्बागढ़ चौकी, राजनांदगाँव, दुर्ग, धमधा तथा नांदघाट हैं।
- प्रसिद्ध मोंगरा बैराज परियोजना राजनांदगांव में शिवनाथ नदी पर संचालित है।
- शिवनाथ नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ
अरपा नदी Arpa River
- अरपा नदी का उदगम पेण्ड्रा लोरमी पठार में स्थित खोडरी पहाड़ी से हुआ है।
- अरपा नदी का प्रवाह बिलासपुर ज़िले में उत्तर-पश्विम में दक्षिण की ओर होते हुए बलौदा बाज़ार में उत्तर में कुछ दूरी पर बरतोरी के समीप ठाकुरदेवा नामक स्थान पर शिवनाथ नदी में मिल जाती है।
- छत्तीसगढ़ प्रदेश में इसकी लम्बाई 100 किमी है।
- अरपा नदी की सहायक नदी खारून पर रतनपुर के पास खन्दाघाट नामक जलाशय का निर्माण किया गया है।
खारून नदी Kharun River
- इस नदी की लम्बाई 84 कि॰मी॰ है।
- बालोद जिले के दक्षिण पूर्व से निकलकर सिमगा के निकट सोमनाथ नामक स्थान पर शिवनाथ में मिल जाती है ।
- यह नदी दुर्ग जिले में 19980 वर्ग किमी तथा रायपुर जिले में 2700 वर्ग किमी अपवाह क्षेत्र का निर्माण करती है
मनियारी नदी Maniyari River
- लम्बाई 134 KM है
- छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख गाँव ‘तालागाँव’ भी मनियारी नदी के किनारे ही स्थित है।
- यह दक्षिण-पूर्व भाग में बिलासपुर तथा मुंगेली तहसील की सीमा बनाती हुई प्रवाहित होती है।
- मनियारी की सहायक नदियाँ आगर, छोटी नर्मदा तथा घोंघा हैं।
- इनके उदगम लोरमी पठार के सिंहावल नामक स्थल से निकलती है।
- छोटी नर्मदा का उदगम बेलपा इस क्षेत्र का पवित्र स्थल माना जाता है।
- मनियारी नदी पर खुड़िया अथवा मनियारी जलाशय का निर्माण किया गया है।
लीलागर नदी Lilagar River
- इस नदी का उद्गम कोरबा की पूर्वी पहाड़ी से हुआ है।
- यह कोरबा क्षेत्र से निकलकर दक्षिण में बिलासपुर और जांजगीर तहसील की सीमा बनाती हुई शिवनाथ नदी में मिल जाती है।
- इस नदी की कुल लंबाई 135 किलोमीटर और प्रवाह क्षेत्र 2.333 वर्ग किलोमीटर है।
तांदुला नदी Tandula River
- यह नदी कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर के उत्तर में स्थित पहाड़ियों से निकलती है
- यह शिवनाथ की प्रमुख सहायक नदी है।
- इसकी लम्बाई 64 किलोमीटर है।
- तांदुला बांध इसी नदी पर बालोद तथा आदमाबाद के निकट बनाया गया है।
- इससे पूर्वी भाग में नहरों से सिंचाई होती है।
बोराई नदी Borai River
- इस नदी का उद्गम स्थल कोरबा के पठार से हुआ है ।
- यह नदी आगे उद्गम स्थल से दक्षिण दिशा में बहती हुई महानदी में विलिन हो जाती है ।
- शिवनाथ की प्रमुख सहायक नदी है ।
खरखरा नदी Kharkhara River
- उदगम डौंडी तहसील जिला बलौदा
हाँप नदी Hap river
- उदगम कवर्धा जिला के कंदावानी पहाड़ी से
- लम्बाई 44 km
गोदावरी प्रवाह प्रणाली
- प्रदेश के लगभग 28 प्रतिशत गोदावरी अपवाह तंत्र का विस्तार है ।
- गोदावरी महाराष्ट्र प्रदेश के नासिक जिले के त्रयम्बक नामक 1067 मीटर ऊंचे स्थान से निकलकर छत्तीसगढ़ की दक्षिणी सीमा बनाती हुई बहती है ।
- ‘दक्षिण की गंगा‘ नाम से विख्यात यह नदी प्रदेश के बस्तर जिले 4240 वर्ग किमी तथ राजनांदगांव जिले में 2558 वर्ग किमी अपवाह क्षेत्र बनाती है, तथा लगभग 40 किमी लंबी दूरी में बहती है ।
गोदावरी नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ
- इन्द्रावती, शबरी, चिंता, कोटरी बाघ, नारंगी, मरी, गुडरा, कोभरा, डंकनी और शंखनी आदि इसकी प्रमुख सहायक नदियां है।
इंद्रावती नदी Indravati River
- इन्द्रावती नदी कालाहांडी (उड़ीसा) ज़िले के धरमगढ़ तहसील में स्थित 4 हज़ार फीट ऊँची मुंगेर पहाड़ी से निकली है।
- यह पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हुई जगदलपुर ज़िले से 40 किमी. दूर पर चित्रकोट जलप्रपात बनाती है।
- जो उड़ीसा के कालहंदी पहाड़ से निकल कर भूपालपटनम् के पास गोदावरी में गिरती है।
- चित्रकोट नाम का 94 फुट ऊँचा जलप्रपात जगदलपुर के पास स्थित है।
- महाराष्ट्र से छत्तीसगढ़ की सीमा बनाती हुई दक्षिण दिशा में प्रवाहित होती है और अन्त में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश के सीमा संगम पर भोपालपट्टनम से दक्षिण की ओर कुछ दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रम 202 पर स्थित भद्रकाली के समीप गोदावरी में मिल जाती है।
- इसकी प्रदेश में कुल लम्बाई 264 किमी. है।
- इसकी प्रमुख सहायक नदियों में कोटरी, निबरा, बोराडिग, नारंगी उत्तर की ओर से तथा नन्दीराज, चिन्तावागु इसके दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्वी दिशाओं में मिलती हैं।
- दक्षिण-पश्चिम की ओर डंकनी और शंखनी इस नदी में मिलती हैं।
- इस नदी पर बोध घाटी परियोजना प्रस्तावित है।
- इस नदी के किनारे प्रमुख नगर जगदलपुर बारसुर है।
कोटरी नदी Kotri River
- कोटरी नदी इन्द्रावती नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
- बालू में सोने के क कण मिलते है
- लम्बाई 135 कि.मी. है
- इसका उदगम छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगाँव ज़िले की मोहाला तहसील में हुआ है।
- इस नदी का अपवाह क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम सीमा पर राजनांदगाँव के उच्च भूमि में है।
- यह उत्तर से दक्षिण की ओर बहती हुई राजनांदगाँव, कांकेर, बस्तर ज़िलों में होती हुई महाराष्ट्र में प्रवेश कर बस्तर ज़िले की सीमा पर इन्द्रावती जो कि ज़िले की सीमा बनाती है तथा इन्द्रावती नदी के उत्तरी छोर में मिल जाती है।
डंकिनी और शंखिनी नदी Dunkini and Shankhini River
- ये दोनों इन्द्रावती की सहायक नदियां है। डंकिनी नदी किलेपाल एवं पाकनार की डांगरी-डोंगरी से तथा शंखिनी नदी बैलाडीला की पहाड़ी के 4,000 फीट ऊंचे नंदीराज शिखर से निकलती है। इन दोनों नदियों का संगम दन्तेवाड़ा में होता है।
शबरी नदी Shabari River
- इसका उदगम जिला कोरपुर ओडिशा
- छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बिच सिमा बनती है
- बालू में सोने के क कण मिलते है जल परिवहन की सुविधा उपलब्ध है
- यह बस्तर की दक्षिणी पूर्वी सीमा में बहती हुई आन्धप्रदेश के कुनावरम् के निकट गोदावरी में मिल जाती है।
- बस्तर जिले में यह 173 किमी लंबाई में बहती है । जिससे 5680 किमी अपवाह क्षेत्र का निर्माण करती है।
बाघ नदी Bagh River
- इस नदी का उद्गम राजनांदगांव जिले में स्थित पठार से हुआ है ।
- यह नदी छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र राज्यों के बीच की सीमा बनाती है ।
नारंगी नदी Narngi River
- यह बस्तर जिले की कोंडागांव तहसील से निकलती है । तथा चित्रकूट प्रपात के निकट इन्द्रावती में विलीन हो जाती है ।
गंगा नदी प्रवाह प्रणाली
- इस प्रवाह क्षेत्र के अंतर्गत बिलासपुर जिले के 5 प्रतिशत भाग, रायगढ़ जिले का 14 प्रतिशत भाग तथा सरगुजा जिले के 8 प्रतिशत भाग आता है ।
- प्रदेश में सोन इसकी प्रमुख नदी है । जो पेन्ड्रा रोड तहसील के बंजारी पहाडी क्षेत्र से निकलकर पूर्व से पश्चिम से ओर बहती हुई मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश का पार करते हुई गंगा नदी में मिल जाती है ।
- कन्हार, रिहन्द, गोपद, बनास, बीजाल इसकी अन्य सहायक नदियां है ।
प्रमुख सहायक नदियाँ
कन्हार नदी Kanhar River
- यह नदी बिलासपुर जिले के उत्तरी पश्चिमी भाग में स्थित खुडि़या पठार के बखोना नामक पहाड़ी से निकलती है ।
- इसकी लम्बाई 115 KM है
- यहां से उत्तर की ओर बहती हुई सामरी तहसील में 60 मीटर ऊंचे कोठरी जलप्रपात की रचना करती है
- इसके पश्चात शहडोल एवं सतना जिले की सीमा पर सोन नदी में मिल जाती है ।
- यह नदी सरगुजा जिले में 3030 वर्गकिमी अपवाह क्षेत्र का निर्माण करती है।
- सिन्दूर गलफूला, दातरम, पेंगन, आदि इसकी प्रमुख सहायक नदियां है ।
रिहन्द नदी Rihand River
- यह नदी सरगुजा जिले के मैनपाठ के निकट 1088 मीटर ऊंची मातरिंगा पहाड़ी से निकलती है ।
- अपनी उदगम स्थल से उत्तर की ओर बहती हुई यह सरगुजा बेसीन की रचना करती है ।
- इसे सरगुजा जिले की जीवन रेखा कहा जाता है ।
- यह अपवाह क्रम की सबसे बड़ी (145 किमी) नदी है ।
- इस पर मिर्जापुर क्षेत्र में रिहन्द नामक बांध बनाया गया है ।
- रिहन्द बेसीन में बहने के पश्चात अन्ततः उत्तरप्रदेश में सोन नदी में विलिन हो जाती है ।
- घुनघुटा, मोरनी, महान, सूर्या, गोबरी आदि इसी प्रमुख सहायक नदिया है ।
नर्मदा नदी प्रवाह क्षेत्र
- नर्मदा नदी प्रणाली कबीरधाम से बहने वाली बंजर, टांडा एवं उसकी सहायक नदियाँ नर्मदा प्रवाह प्रणाली के अंतर्गत हैं।
- छत्तीसगढ़ में नर्मदा प्रवाह तन्त्र की नदियों का प्रवाह क्षेत्र। .58 % एवं 710 वर्ग मीटर के क्षेत्र में है।
- मैकल श्रेणी महानदी प्रवाह क्रम को नर्मदा प्रवाह क्रम से अलग करती है।
- राजनांदगाँव ज़िले की पश्चिमी सीमा पर भूमि का ढाल उत्तर-पश्चिम की ओर है।
- राजनांदगाँव ज़िले की पश्चिमी सीमा पर ही टांडा एवं बंजर नदियाँ उत्तर-पश्चिम की ओर बहती हैं।
- ये नदियाँ भी छोटी हैं तथा ग्रीष्मकाल में सूख जाती हैं।
बंजर नदी Banjar River
- उदगम कावर्धा
- समागम नर्मदा नदी में
- पश्चिम की ओर बहने वाली सबसे बड़ी नदी है