
किसी भी राज्य के सम्पूर्ण विकास के लिए परिवहन एक महत्वपूर्ण अव्यव है। किसी भी राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए परिवहन एक महत्वपूर्ण साधन है जिससे यह व्यक्ति को गतिशील बनाता है, जिससे वह व्यक्ति अपने जीवनयापन हेतु रोजी रोटी की व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं मनोरंजन की सुविधाएं प्राप्त कर सकता है। परिवहन से बाजार की व्यापक वृद्धि के लिए सभी प्रकार के उपलब्धता की पूर्ति करता है। छत्तीसगढ़ राज्य में सड़क परिवहन अन्य परिवहन की अपेक्षा व्यापक रूप फैला हुआ है। छत्तीसगढ़ में रेल, वायु एवं सड़क परिवहन प्रमुख रूप से शामिल है। जल परिवहन केवल एकमात्र शबरी नदी पर उपलब्ध है।
- सड़क परिवहन Road Transport
- रेल परिवहन Rail Transport
- वायु परिवहन Air Transport
- जल परिवहन Water transport
1. सड़क परिवहन
राज्य में सड़क परिवहन बहुत ही व्यापक रूप से फैला हुआ है। सड़क परिवहन ही राज्य अधिक मात्रा में गतिशीलता प्रदान करता है जिससे सभी महत्वपूर्ण सुविधाओं की पूर्ति होती है। राज्य में ग्रामीण मार्ग सबसे ज्यादा फैला हुआ है यह राज्य में 42 प्रतिशत सड़क परिवहन का भाग है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 6 और 200 इससे होकर गुज़रते हैं।
- राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 32833 कि.मी. है।
- राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 3510 कि.मी., प्रांतीय राजमार्गों की लंबाई 4176 कि.मी., ज़िला सड़कों की लंबाई 11243 कि.मी.और ग्रामीण सड़कों की लंबाई 13902 कि.मी. है।
- उत्तर-दक्षिण को जोड़ने वाले दो तथा पूर्व-पश्चिम को जोड़ने वाले चार सड़क गलियारे बनाए जा रहे हैं जिनकी कुल लंबाई 3,106.75 कि.मी.है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग लम्बाई 3510 किमी प्रतिशत 10.7 %
- राजकीय राजमार्ग लम्बाई 4176 किमी प्रतिशत 12.71 %
- मुख्य जिला मार्ग लम्बाई11245 किमी प्रतिशत 34.24 %
- ग्रामीण मार्ग लम्बाई 13902 किमी प्रतिशत 42.34 %
छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्ग National Highway in Chhattisgarh
- छत्तीसगढ़ राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल संख्या 17 है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लम्बाई 3510 किलोमीटर 10.7% है।
- सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग NH 30 (636.60 Km) है।
- सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग NH 163 A (12 Km) है।
- सबसे पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग NH 53 है।
- NH 30 कहाँ से कहाँ तक चिल्फी घाटी – कोंटा मार्ग लम्बाई 636.60 किमी
- NH 43 कहाँ से कहाँ तक मनेन्द्रगढ़ – जशपुरनगर मार्ग लम्बाई 353.00 किमी
- NH 53 कहाँ से कहाँ तक राजनांदगांव – सरायपाली मार्ग लम्बाई 322.00 किमी
- NH 63 कहाँ से कहाँ तक भोपालपट्टनम – जगदलपुर मार्ग लम्बाई 236.80 किमी
- NH 49 कहाँ से कहाँ तक बिलासपुर – रायगढ़ मार्ग लम्बाई 196.60 किमी
- NH 130 कहाँ से कहाँ तक सिमगा – अम्बिकापुर मार्ग लम्बाई 292.60 किमी
- NH 130 A कहाँ से कहाँ तक कवर्धा – बिलासपुर मार्ग लम्बाई 105.80 किमी
- NH 130 B कहाँ से कहाँ तक रायपुर – सारंगढ़ मार्ग लम्बाई 187.50 किमी
- NH 130 C कहाँ से कहाँ तक अभनपुर – देवभोग मार्ग लम्बाई 196.00 किमी
- NH 130 D कहाँ से कहाँ तक कोण्डागांव – नारायणपुर मार्ग लम्बाई 49.70 किमी
- NH 930 कहाँ से कहाँ तक बालोद – मानपुर मार्ग लम्बाई 115.40 किमी
- NH 243 कहाँ से कहाँ तक अम्बिकापुर – रामानुजगंज मार्ग लम्बाई 110.00 किमी
- NH 153 कहाँ से कहाँ तक सरायपाली – रायगढ़ मार्ग लम्बाई 86.80 किमी
- NH 163 कहाँ से कहाँ तक भोपालपट्टनम – वारंगल मार्ग लम्बाई 36.00 किमी
- NH 163 A कहाँ से कहाँ तक गीदम – दंतेवाड़ा लम्बाई 12.00 किमी
- NH 353 कहाँ से कहाँ तक घोडारी – बागबाहरा मार्ग लम्बाई 65.60 किमी
- NH 149 B कहाँ से कहाँ तक चांपा – कटघोरा मार्ग लम्बाई 70.20 किमी
छत्तीसगढ़ में राजकीय राजमार्ग State Highway in Chhattisgarh
- राज्य में राजकीय राजमार्ग की कुल संख्या 27 है।
- राज्य में राजकीय राजमार्ग की कुल लम्बाई 4176 किलोमीटर 12% है।
- सबसे लम्बा राजकीय राजमार्ग SH 5 है।
- सबसे छोटा राजकीय राजमार्ग SH 14 है।
2. रेल परिवहन
- देश मे सबसे पहले रेल गाड़ी लॉर्ड डलहौजी के शासन काल मे 16 अप्रेल 1853 में मुम्बई ओर थाणे के बीच 34 किमी छोटे मार्ग पर चलाया गया ।
- भारत मे पहला विद्युत कृत रेल का प्रारंभ मुम्बई -कुर्ला के बीच 3फरवरी 1925 को लार्ड रीडिंग के शासन काल मे हुआ था।
छत्तीसगढ़ में रेल परिवहन Rail Transport in Chhattisgarh
- छत्तीसगढ़ में सबसे पहले रेल सेवा 27नवंबर 1888 में नागपुर – राजनांदगांव के बीच चली थी।
- छत्तीसगढ़ में कुल रेल लाईन की लंबाई – 1188किमी है।
- छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली मुख्य रेल लाइन – मुम्बई- हावड़ा रेल लाईन है।
- छत्तीसगढ़ में एक मात्र छोटी रेल लाईन – रायपुर -धमतरी (नेरोगेज)।
- छत्तीसगढ़ की सर्वाधिक लंबा प्लेटफॉर्म – बिलासपुर।
- प्रथम रेल इंजन – ब्लैक ब्यूटी (काली सुंदरी )।
- मुम्बई -हावड़ा रेल लाईन का विस्तार -रायपुर-1888, बिलासपुर-1889 रायगढ़-1890।
- प्रदेश में सबसे बड़ा रेल मार्ग – मुम्बई -हावड़ा रेल मार्ग है।
- राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाला रेल मार्ग -बिलासपुर – कटनी।
- छत्तीसगढ़ को दक्षिण भारत से जोड़ने वाला रेल मार्ग- रायपुर विशाखापट्नम।
- लौह अयस्क का निर्यात करने वाला रेल मार्ग – किरंदुल(दंतेवाड़ा) -विशाखापटनम।
- Bsp तक लौह अयस्क पहुचने वाला रेल मार्ग – दुर्ग दल्लीराजहरा।
दक्षिण पूर्वी मध्य रेलवे SECR (south east central railways):-
- मुख्यालय-बिलासपुर
- बिलासपुर रेलवे मंडल की घोषणा 20 सितंबर 1998 में हुई थी।
- बिलासपुर रेलवे ज़ोन की स्थापना 1 अप्रैल 2003 को हुई थी।
- बिलासपुर रेलवे ज़ोन भारत का 16 वां रेलवे ज़ोन है।
- छत्तीसगढ़ का सबसे ऊँचा रेलवे स्टेशन सिमलीगुड़ी (बस्तर) में है।
- भारत का सर्वाधिक आय वाला जोन (मालवाहक)
- भारतीय रेल को राजस्व का 1/6 भाग (SECR) बिलासपुर से प्राप्त होता है।
- छत्तीसगढ़ का सबसे लम्बा प्लेटफॉर्म बिलासपुर रेलवे स्टेशन का है।
- मुंबई हावड़ा मेल छत्तीसगढ़ राज्य से होकर गुजरती है।
रेल मंडल Railway division
- 1. रायपुर (छत्तीसगढ़)
- 2.नागपुर.(महाराष्ट्र)
- 3.बिलासपुर(छत्तीसगढ़)
- रेलवे स्टेशन -143 जिसमे(107)बिलासपुर मंडल में है ।
रेलवे भर्ती बोर्ड- 20वां
RPF- Railway Police Force
मुख्यालय-बिलासपुर
थाना-
- डोंगरगढ़
- भिलाई
- रायपुर
- बिलासपुर
- रायगढ़
रेल कॉरिडोर Rail corridor
पूर्वी कॉरिडोर – लम्बाई 180 किमी भूपदेवपुर -घरघोड़ा -धरमजयगढ़ – कोरबा
पूर्वी पश्चिमी कॉरिडोर – इसकी लम्बाई 112 किमी है
उत्तरी कॉरिडोर –
3. वायु परिवहन
राज्य में एक भी अंतरास्ट्रीय हवाई अड्डा नही है
राज्य में कुल 08 हवाई पट्टी है
- चकरभाठा हवाई पट्टी- बिलासपुर
- नंदनी हवाई पट्टी- भिलाई (दुर्ग)
- जगदलपुर हवाई पट्टी- बस्तर
- दरिया हवाई पट्टी- अम्बिकापुर (सरगुजा)
- कोरबा हवाई पट्टी- कोरबा
- जशपुर हवाई पट्टी -जशपुर
- सारंगढ़ हवाई पट्टी -रायगढ़
- कोंडताराई हवाई पट्टी -रायगढ़
- छत्तीसगढ़ का सर्व सुविधा युक्त हवाईपट्टी -माना हवाई अड्डा है
- माना हवाई अड्डा का नया नाम -स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा है जो कि वर्ष-24जनवरी2012 से है ।
- माना हवाई पट्टी का संचालन AAI(एरयपोर्ट अथॉरिटी या ऑफ इंडिया ) के द्वारा होता है।
- भारतीय सेना ने अपने बेस कैम्प के लिए चुना-चकरभाठा हवाई पट्टी
- DRDO के अधीन हवाई पट्टी – जगदलपुर हवाई पट्टी
4. जल परिवहन
- छत्तीसगढ़ में जल परिवहन की सुविधा एकमात्र शबरी नदी पर उपलब्ध है, जो सुकमा जिले के कोंटा तहसील से विशाखापट्टन तक संचालित है।
- कुल लम्बाई 137 किलोमीटर है।
- इसका उपयोग माल वाहक के रूप में लौह अयस्क ले जाने के लिए किया जाता है।