
छत्तीसगढ़ में सिंचाई के साधन में नहरे प्रमुख है, यहाँ की नहरों में महानदी व तंदुला नहरे प्रमुख हैं। महानदी तथा तंदूला नहर प्रणालियों द्वारा रायपुर, धमतरी,बलोदा बाजार दुर्ग तथा बालोद तहसील मैं बड़े पैमाने पर सिंचाई होती है।
जशपुर समरी पाठ प्रदेश में भी नहरों द्वारा सिचाई होती है दंडकारण्य में नहरे कम भूभाग को सिंचित करती है।राज्य का सर्वाधिक सिंचित जिला जांजगीर-चांपा व रायपुर है जबकि न्यूनतम सिंचित जिले नारायणपुर एवं दंतेवाड़ा है. सिंचाई की न्यूनतम सुविधा के स्तर पर दंतेवाड़ा जिला आता है.
सिंचाई के प्रमुख संसाधन
1 नहर
- नहर छत्तीसगढ़ में शुद्ध सिंचित क्षेत्र का लगभग 72% क्षेत्र नहरों द्वारा सिंचित किया जारहा है.
- राज्य के मैदानी भाग के लगभग सभी जिलों में सिंचाई का प्रमुख साधन नहरे हैं. नहर से सर्वाधिक सिंचाई जांजगीर-चांपा में होती है.
बिलासपुर के अतिरिक्त धमतरी, रायपुर व दुर्ग में भी नहरों द्वारा सिंचाई होती है. - राज्य के मैदानी भाग के लगभग सभी जिलों में सिंचाई का प्रमुख साधन नहरे हैं. नहर से सर्वाधिक सिंचाई जांजगीर-चांपा, धमतरी में होती है.
- जांजगीर-चांपा, धमतरी के अतिरिक्त बिलासपुर, रायपुर व दुर्ग में भी नहरों द्वारा सिंचाई होती है.
2 तालाब
- तालाब छत्तीसगढ़ के मात्र 4.8% क्षेत्र पर तालाबों से सिंचाई की जाती है, प्राचीन काल से ही यहाँ तालाबों से सिंचाई की जाती है.
- इससे सर्वाधिक सिंचाई बस्तर संभाग में होती है. सर्वाधिक सिंचाई जशपुर जिले मैं होती है.
3 कुंआ
- कुंआ छत्तीसगढ़ में 3.4% क्षेत्र की सिंचाई कुंओ द्वारा होती है. राज्य में कुल 22,296 हेक्टेयर क्षेत्र पर कुंओ द्वारा सिंचाई की जाती है.
- इससे सर्वाधिक सिंचाई दंडकारण्य क्षेत्रो में तथा दंतेवाड़ा जिले में होती है.
4 नलकूप
- नलकूप छत्तीसगढ़ के कृषि क्षेत्र के 20.5% क्षेत्रो पर नलकूपों द्वारा सिंचाई की जाती है.
- इससे सर्वाधिक सिंचाई रायगढ़ जिले में होती है.
छत्तीसगढ़ के प्रमुख नदी सिंचाई परियोजनाएं एवं सिंचित जिला
- महानदी परियोजना महानदी (धमतरी)- धमतरी,रायपुर एवं दुर्ग
- गंगरेल बांध परियोजना
- हसदो बांगों परियोजना(मिनीमाता ) हसदो नदी( कोरबा) – कोरबा,जांजगीर –चांपा एवं रायगढ़
- पैरी परियोजना पैरी नदी (गरियाबंद)- गरियाबंद
- कोडार परियोजना कोडार नदी (महासमुंद)- महासमुंद
- कोसार टेडा परियोजना – बस्तर
- पोलावरम बांध गोदावरी नदी (बस्तर दक्षिण)–बस्तर
- बोधघाट परियोजना इन्द्रावती (बस्तर)- बस्तर
- खारंद परियोजना – खारंद नदी रतनपुर समीप
- अरपा परियोजना अरपा नदी (बिलासपुर)- बिलासपुर
- खुड़िया मनियारी परियोजना, मनियारी नदी (मुंगेली)- मुंगेली बिलासपुर
- खूंटाघाट परियोजना अरपा (बिलासपुर)- बिलासपुर
- घोंघा परियोजना घोंघा नाला (बिलासपुर)- बिलासपुर
- जोंक परियोजना जोंक नदी (बलौदाबाज़ार)- बलौदाबाजार
- तांदुला परियोजना तांदुल नदी (बालोद)- बालोद
- कन्हार परियोजना रेंड नदी (सरगुजा)- सरगुजा
- बांकी, कुंवरपुर, बरनई, महान रेंड नदी (सरगुजा)-सरगुजा
- केशवा परियोजना खारून नदी (रायपुर)- रायपुर
- दुधावा बांध परियोजना दूध नदी (कांकेर)- कांकेर
- मोगरा बेराज परियोजना शिवनाथ (राजनांदगांव)- राजनांदगांव
- किंकारी,खम्हार पाकुट,केदार पुटका परियोजना किंकारी नाला (रायगढ़)-रायगढ़
- सुतिया घाट परियोजना (कवर्धा )-कवर्धा
- श्याम परियोजना – घुनघुटा नदी
- सिकासार बांध परियोजना पैरी (गरियाबंद)-गरियाबंद
- झुमका परियोजना (कोरिया )-कोरिया
छत्तीसगढ़ के सिंचाई परियोजनाएंं Chhattisgarh irrigation projects
हसदेव बांगो परियोजना Hasdeo Bango Project
- इसे मिनीमाता परियोजना भी कहा जाता है यहां कोरबा जिले में हसदो नदी पर है।
- इस परियोजना से कटघोरा जांजगीर तथा सक्ती तहसीलो की लगभग 2,50,300 हेक्टेयर तथा रायगढ़ जिले में 4700 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी इस परियोजना के तीन चरणों में से दो चरण पूरे हो गए हैं।
महानदी जलाशय परियोजना Mahanadi Reservoir Project
- यहां छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना है इस परियोजना से धमतरी रायपुर व दुर्ग जिले में सिंचाई सुविधा उपलब्ध है महानदी जलाशय परियोजना के अंतर्गत 6 जलाशय एवं महानदी पोषक नहर और सोंदुर पोषक नहर सम्मिलित है महानदी जलाशय परियोजना में मुरुम्सिल्ली (1923),दुधावा(1963), रविशंकर सागर (1978) सिकासर (1979), सोंदुर (1988), एवं पैरी हाईडेम सम्मामिलित है।
महानदी परियोजना Mahanadi pariyojna
महानदी परियोजना 1912-13 में प्रारंभ हुई यह प्रदेश की सबसे पुरानी सिंचाई परियोजना है जिसकी कुल सिंचाई क्षमता 264 लाख हेक्टेयर है। महानदी पर कई सिंचाई परियोजनाएं निर्मित है
(1) रुद्री पिक-अप वियर (धमतरी )
- इसकी स्थापन 1915 में की गई
- यह महानदी पर निर्मित है।
- यह प्रदेश की पहली निर्मित परियोजना है।
- 1993 में रुद्री पिक -अप वियर का स्थान रुद्री बैराज ने लिया।
(2) मॉडमसिल्ली या मुरुमसिल्ली जलाशय (धमतरी )
- इसकी स्थापना 1923 मई हुई।
- यह जलाशय सिलियारी नदी पर स्थित है।
- इस जलाशय का निर्माण एलफिस्टन द्वारा की गई थी तथा यह एशिया का पहला सायफन बांध है।
- नोट :- हाल ही में प्रदेश सरकार ने इस जलाशय का नाम परिवर्तन कर बाबू छोटे लाल श्रीवास्तव के नाम पर रखने की घोषणा की है।
(3) दुधावा जलाशय (कांकेर)
- इसकी स्थापना 1962 में की गई थी।
- यह भी महानदी पर निर्मित है।
- स्वत्रंता प्राप्ति पश्चात यह राज्य का पहला बांध है।
(4) गंगरेल बांध/रविशंकर जलाशय (धमतरी )
- इसकी स्थापना 1978 में की गई है।
- यह महानदी पर निर्मित है।
- यह राज्य का सबसे लम्बा बांध है , जिसकी कुल ऊचाई- 1365 है।
- यहाँ 10 मेगावाट जल विद्युत परियोजना संचालित है।
- इस जलाशय से भिलाई स्टील प्लांट को जलापूर्ति की जाती है।
(5) महानदी कॉम्प्लेक्स
- महानदी कॉम्प्लेक्स इसकी स्थापना 1980-81 में विश्व बैंक की सहायता से की गई थी। इसके तहत पैरी नदी पर सिकासार बांध (गरियाबंद ) व सोंढूर नदी पर सोंढूर बांध (गरियाबंद ) बनाया गया है।
पैरी परियोजना Parry Project
- यह परियोजना रैली जिले में स्थित है इस परियोजना में पैरी नदी पर सिकासार गाव में सीकासार बांध तथा 35 किलोमीटर नीचे की ओर नदी पर कुकदा पिपर वियर का निर्माण सम्मिलित कुकदा वियर से दाई तट नहर 27.37 किलोमीटर बाई तत नहर 25.76 किलोमीटर तथा उनकी शाखाएं 165.83 किलोमीटर व 135.34 किलोमीटर
कोडार परियोजना Kodar Project
- यह परियोजना रायपुर जिले के कोबाझार के समीप महानदी के सहायक कोडार नदी पर स्थित है इस परियोजना के अंतर्गत 2360 मीटर लंबा 23.32 मीटर ऊंचा बांध निर्माणधीन है इस परियोजना से 16760 हेक्टेयर (खरीफ) एवं 6720 हेक्टेयर (रबी) की भूमि सिंची जा सकेंगी।
जोंक परियोजना Jok Project
- यह परियोजना महानदी की सहायक जोंक नदी पर स्थित है इस पर 606 मीटर लंबा और 7.7 मीटर ऊंचा नान आवर फ्लाई बांध बनाया जायेगा इससे बाई मुख्य नगर 72 किलोमीटर लंबी और शाखा नहरे 82 किलोमीटर निकाल जाएगी इस परियोजना का कार्य 1973 में प्रारंभ हुआ था।
खारंग परियोजना Kharng Project
- 1920 से प्रारंभ यह योजना बिलासपुर से 30 किलोमीटर दूर खारंग नदी पर स्थित है इस परियोजना से अधिकतम वार्षिक सिंचाई 51,417 हेक्टेयर की जाती है।
छत्तीसगढ़ में सिंचाई परियोजना के अंतर्गत निम्न बहुउद्देशीय परियोजनाएं संचालित है।
मिनीमाता हसदो बांगो परियोजना (कोरबा )
- इसकी स्थापना 1967 में की गई है।
- यह प्रदेश की पहली बहुउद्देशीय परियोजना है।
- यह परियोजना हसदेव नदी पर निर्मित है।
- इस बांध से एनटीपीसी एवं बाल्को को जल की आपूर्ति की जाती है।
- यह बांध पर माचाडोली नामक स्थान पर (40 x 3) 120 मेगावाट जल विद्युत परियोजना संचालित है जो प्रदेश की सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना है।
तांदुला परियोजना (बालोद )
- इसकी स्थापना 1910-20 के बीच की गई।
- यह परियोजना तांदुला नदी पर निर्मित है।
- इस बांध से भिलाई स्टील प्लांट को जल की आपूर्ति की जाती है।
- तांदुला कॉम्प्लेक्स – तांदुला कॉम्प्लेक्स के तहत 1956 में जुहार नदी पर गोंदली जलाशय व 1967 में खरखरा नदी पर खरखरा जलाशय का निर्माण किया गया है।
खुड़िया/ राजीव गाँधी परियोजना (लोरमी मुंगेली )
- इस परियोजना को 1924-30 के बीच प्रारंभ किया गया है।
- यह परियोजना मनियारी नदी पर निर्मित है।
खूंटाघाट /संजय गाँधी परियोजना (रतनपुर- बिलासपुर )
- इस परियोजना की स्थापना 1920-31 के बीच की गई है।
- यह खारंग नदी पर स्थित है।
कोडार/ वीरनारायण सिंह परियोजना (महासमुंद )
- इसकी स्थापना 1976-95 के बीच की गई है।
- यह परियोजना कोडार नदी पर स्थित है।
केलो परियोजना /दिलीप सिंह जूदेव परियोजना (रायगढ़ )
- यह प्रदेश की नवीन परियोजना है , इसे 2014-15 में प्रारंभ किया गया है।
- यह परियोजना केलो नदी पर स्थित है।
छत्तीसगढ़ राज्य की अन्य परियोजनाएं
- अरपा भैसाझार परियोजना – यह परियोजना बिलासपुर के कोटा के निकट अरपा नदी पर निर्मित है
- कुवरपुर परियोजना – यह सरगुजा की प्रथम परियोजना है जो की चुलहट नाले पर निर्मित है
- कोसारटेढ़ा परियोजना – यह परियोजना बस्तर जिले के इन्द्रावती नदी पर निर्मित है।
- मांड परियोजना – परियोजना यह रायगढ़ के मांड नदी पर निर्मित है।
- झुमका परियोजना – (कोरिया जिला )
- महान परियोजना – (सूरजपुर )- यह महान नदी पर निर्मित है।
- परलकोट परियोजना – (कांकेर )- यह देवधा नदी पर निर्मित है।
- मोंगरा बैराज परियोजना – (राजनांदगांव ) यह परियोजना शिवनाथ नदी पर निर्मित है।
- सुतियापाट परियोजना – यह कबीरधाम जिले में शिवनाथ नदी पर निर्मित है।
- रोगदा जलाशय – (जांजगीर चाम्पा )
- बंकी परियोजना – (सरगुजा )
- धुरदेव परियोजना – (बिलासपुर )
- छीरपानी परियोजना – यह फोका नदी पर निर्मित है।
- सरोधा परियोजना – यह सकरी नदी पर निर्मित है।
- बोधघाट बहुउदेशीय परियोजना – इन्द्रावती नदी (दंतेवाड़ा)
- कर्रा नाला परियोजना – (कवर्धा )