
राजस्थान के संभाग व जिले
- जिला स्तर पर सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी जिला कलेक्टर होता है।
- संभाग स्तर पर सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी संभागीय आयुक्त होता है।
- संभाग – जिलों के समूह को संभाग कहा जाता है।
- विकेन्द्रीकरण – जिम्मेदारियों का विभाजन विकेन्द्रीकरण कहलाता है।
- संभाग बनाने का सबसे बड़ा मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक कार्यो का विकेन्द्रीकरण करना होता है।
संभागों से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा संभाग – जोधपुर
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा संभाग – भरतपुर
- जनसँख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा संभाग – जयपुर
- जनसँख्या की दृष्टि से सबसे छोटा संभाग – जोधपुर
- सर्वाधिक साक्षर संभाग – जयपुर
- सबसे ज्यादा जिलों वाला संभाग – जोधपुर, उदयपुर
- सर्वाधिक नदियों वाला संभाग – कोटा
- सबसे कम नदियों संभाग- बीकानेर
- सभी संभागों को सीमा को छूने वाला संभाग – अजमेर
- अन्तर्राष्ट्रीय सीमा को छूने वाले संभाग – जोधपुर बीकानेर
- ना तो अंतर्राष्ट्रीय ना ही अंतर्तज्यीय सीमा को छूने वाला संभाग – अजमेर
राजस्थान में संभागीय व्यवस्था का इतिहास
राजस्थान में संभाग बनाने की सुरुआत सन् 1949 में सुरु हुई थी तथा 1 नवम्बर, 1956 तक राजस्थान में कुल 5 संभाग बनाये गये थे। जैसे-
- जयपुर संभाग
- बीकानेर संभाग
- जोधपुर संभाग
- कोटा संभाग
- उदयपुर संभाग
राजस्थान में संभागीय व्यवस्था की शुरुआत 1949 में हीरालाल शास्त्री की सरकार ने कीया था
सन् 1962 -राजस्थान में मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया के द्वारा अप्रेल 1962 में पहली बार संभाग बनाने की परम्परा को बंद कर दिया गया था।
मोहनलाल सुखाड़िया – राजस्थान में सबसे लम्बा कार्यकाल वाला मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया थे।
मोहनलाल सुखाड़िया को आधुनिक राजस्थान का निर्माता कहा जाता है।
अप्रेल 1962 बंद की गई संभागीय व्यवस्था को 15 जनवरी 1987 को हरिदेव जोशी की सरकार ने पुनः संभागीय व्यवस्था का प्रारंभ किया। एवं 1987 में राजस्थान का छठा संभाग अजमेर को बनाया गया। यह जयपुर संभाग से अलग होकर नया संभाग बना।
राजस्थान का नवीनतम सातवा संभाग भरतपुर है जिसे 4 जून 2005 को नया संभाग घोषित किया गया।
राजस्थान को प्रशासनिक दृष्टि से कुल 7 संभागों में बांटा गया है।
1 नवंबर 1956 को राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में आया इस समय राजस्थान में 5 संभाग एवं 26 जिले थे। अभी वर्तमान में राजस्थान में कुल 7 संभाग और 33 जिले है।
- जयपुर संभाग – 1949
- बीकानेर संभाग – 1949
- जोधपुर संभाग – 1949
- कोटा संभाग -1949
- उदयपुर संभाग -1949
- अजमेर संभाग – 1987
- भरतपुर संभाग – 2005
1. जयपुर संभाग – 1949
- जयपुर संभाग में कुल 5 जिले (जयपुर, झुन्झुनू, सीकर, अलवर, दौसा) आते है
- जयपुर संभाग की कुल क्षेत्रफल- 36,615 वर्ग किमी है।
जयपुर संभाग की प्रमुख विशेषताये
- जयपुर- यह क्षेत्रफल में जयपुर संभाग का सबसे बड़ा जिला है।
- दौसा- यह क्षेत्रफल में जयपुर संभाग का सबसे छोटा जिला है।
- जयपुर संभाग राजस्थान का एकमात्र ऐसा संभाग जिसमें 5 जिले है।
- यह राजस्थान का सर्वाधिक जनसंख्या वाला संभाग है।
2. बीकानेर संभाग-
- बीकानेर संभाग में कुल 4 जिले (बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, श्री गंगानगर) आते है।
- बीकानेर संभाग की कुल क्षेत्रफल- 64,708 वर्ग किमी है।
- बीकानेर संभाग राजस्थान के सबसे उत्तरी संभाग है
बीकानेर संभाग की विशेषता
- बीकानेर- यह क्षेत्रफल में बीकानेर संभाग का सबसे बड़ा जिला है।
- हनुमानगढ़- यह क्षेत्रफल में बीकानेर संभाग का सबसे छोटा जिला है।
- यह राजस्थान में सबसे कम नदियों वाला संभाग है।
3. जोधपुर संभाग-
- जोधपुर संभाग में कुल 6 जिले (जोधपुर, जैसलमेर, जालोर, बाड़मेर, पाली, सिरोही) है।
- जोधपुर संभाग की कुल क्षेत्रफल- 1,17,801 वर्ग किमी है।
- जोधपुर संभाग राजस्थान के सबसे पश्चिमी संभाग है।
जोधपुर संभाग की प्रमुख विशेषता।
- जैसलमेर- यह क्षेत्रफल में जोधपुर संभाग का सबसे बड़ा जिला है।
- सिरोही- यह क्षेत्रफल में बीकानेर संभाग का सबसे छोटा जिला है।
- यह क्षेत्रफल में राजस्थान का सबसे बड़ा संभाग है।
- यह राजस्थान में सबसे कम वर्षा वाला संभाग है।
4. कोटा संभाग-
- कोटा संभाग में कुल 4 जिले (कोटा, बारा, बूंदी, झालावाड़) है।
- कोटा संभाग की कुल क्षेत्रफल- 24,204 वर्ग किमी है।
कोटा संभाग की विशेषता
- कोटा- यह क्षेत्रफल में कोटा संभाग का सबसे बड़ा जिला है।
- बूंदी- यह क्षेत्रफल में कोटा संभाग का सबसे छोटा जिला है।
- कोटा संभाग को हाड़ौती संभाग भी कहते है।
- यह राजस्थान का सर्वाधिक नदियों तथा सर्वाधिक वर्षा वाला संभाग है।
5. उदयपुर संभाग-
- उदयपुर संभाग में कुल 6 जिले (उदयपुर, चित्तोड़गढ़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, राजसमंद) है।
- उदयपुर संभाग की कुल क्षेत्रफल- 36,942 वर्ग किमी है।
उदयपुर संभाग की विशेषता
- उदयपुर- यह क्षेत्रफल में उदयपुर संभाग का सबसे बड़ा जिला है।
- डूंगरपुर- यह क्षेत्रफल में उदयपुर संभाग का सबसे छोटा जिला है।
6. अजमेर संभाग-
- अजमेर संभाग की स्थापना- 1987 को मुख्यमंत्री- हरिदेव जोशी के शासन काल में हुआ है।
- अजमेर संभाग में कुल 4 जिले (अजमेर, नागौर, टोंक, भीलवाड़ा) है
- अजमेर संभाग की कुल क्षेत्रफल- 43,848 वर्ग किमी है।
- अजमेर संभाग की स्थिती राजस्थान में केन्द्रिय संभाग है
अजमेर संभाग की विशेषता
- नागौर- यह क्षेत्रफल में अजमेर संभाग का सबसे बड़ा जिला है।
- टोंक- यह क्षेत्रफल में अजमेर संभाग का सबसे छोटा जिला है।
7. भरतपुर संभाग-
- भरतपुर संभाग की स्थापना- 4 जून, 2005 को किया गया था भरतपुर संभाग में कुल 4 जिले (भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, करौली) आते है
- भरतपुर संभाग की कुल क्षेत्रफल- 18,186 वर्ग किमी
- भरतपुर संभाग राजस्थान के सबसे पूर्वी संभाग है
- भरतपुर संभाग बनने के समय राजस्थान के मुख्यमंत्री- वसुंधरा राजे थे
भरतपुर संभाग के विशेषता
- करौली- यह क्षेत्रफल में भरतपुर संभाग का सबसे बड़ा जिला है।
- धौलपुर- यह क्षेत्रफल में भरतपुर संभाग का सबसे छोटा जिला है।
- यह राजस्थान का सबसे नवीनतम संभाग है।
- यह संभाग जयपुर तथा कोटा संभाग को काटकर बनाया गया था।
- भरतपुर, धौलपुर- ये जिले पहले जयपुर संभाग में आते थे।
- करौली, सवाई माधोपुर- ये जिले पहले कोटा संभाग में आते थे।
राजस्थान के जिले | Districts of Rajasthan
- एकीकरण के दौरान 30 मार्च 1949 को राजस्थान में 25 जिले बने थे।
- 26 जनवरी 1950 को संविधानिक रूप से राज्य का नाम राजस्थान पडा।
- राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में 1 नवंम्बर 1956 को आया। इस समय राजस्थान में कुल 26 जिले थे।
- 1 नवम्बर, 1956 के बाद राजस्थान में अब तक कुल 7 नये जिले बनाये गये है। जिसे मिलाकर वर्तमान में 33 जिले है।
- राजस्थान में 1 नवम्बर, 1956 को राज प्रमुख का पद समाप्त कर के राज्यपाल का पद बनाया गया था।
- राजस्थान का प्रथम राज्यपाल सरदार गुरुमुख निहाल सिंह को बनाया गया था।
राजस्थान में जिलों का गठन
एकीकरण के दौरान 30 मार्च 1949 को राजस्थान में 25 जिले बने थे। उसके बाद 1 नवंम्बर 1956 को 26 वां जिला अजमेर बना।
26 वां जिला अजमेर
- 1 नवम्बर, 1956 तक राजस्थान में कुल 26 जिले था 26 वां जिला अजमेर था।
- अजमेर जिला जयपुर से अलग होकर नया जिला बना।
- तत्कालीन सरकार – सुखाडिया सरकार
- अजय पाल चौहान ने अजमेर की स्थापना की
- अजमेर की आकृति त्रिभुजाकार है।
27 वां जिला धौलपुर
स्थापना- 15 अप्रैल, 1982,
धौलपुर जिला भरतपुर जिले से अलग होकर नया जिलाबना।
तत्कालीन सरकार – शिवचरण माथुर सरकार
28 वां जिला बारां
- बारां जिले का गठन 10 अप्रैल 1991 को किया गया
- बारां जिला कोटा जिले से अलग होकर नया जिला बना।
- तत्कालीन सरकार – भैरोंसिंह शेखावत सरकार थे
- 10 अप्रैल, 1991 – राजस्थान में पहली बार एक साथ 3 नये जिले बनाये गये थे– बारा, दौसा तथा राजसमंद
29 वां जिला– दौसा
- दौसा जिले का गठन 10 अप्रैल 1991 को किया गया।
- दौसा जिला जयपुर जिले से अलग होकर नया जिला बना।
- तत्कालीन सरकार – भैरोंसिंह शेखावत थे।
- दौसा के प्रमुख पर्यटन स्थल मेहंदीपुर बालाजी मंदिर।
- दौसा की आकृति धनुषाकार है।
30 वां जिला– राजसमंद
- राजसमंद जिला की स्थापना- 10 अप्रैल, 1991 को हुवा।
- राजसमंद जिला उदयपुर जिले से अलग होकर नया जिला बना।
- राजस्थान की तत्कालीन सरकार भैरोंसिंह शेखावत सरकार थे।
31 वां जिला– हनुमानगढ़
- हनुमानगढ़ जिला की स्थापना- 12 जुलाई, 1994 को हुई।
- हनुमानगढ़ जिला श्रीगंगानगर जिले हनुमानगढ़ जिलासे अलग होकर नया जिला बना।
- तत्कालीन सरकार – भैरोंसिंह शेखावत सरकार थे।
32 वां जिला करौली
- 19 जुलाई 1997 को 32 जिले के रूप में करौली का गठन किया गया।
- करौली जिला सवाई, माधौपुर जिले से अलग होकर नया जिला बना।
- तत्कालीन सरकार – भैरोंसिंह शेखावत थे।
33 वां जिला– प्रतापगढ़
- राजस्थान का सबसे नवगठित जिला
- स्थापना- 26 जनवरी, 2008 तत्कालीन सरकार- वसुंधरा सरकार
- प्रतापगढ़ जिला बांसवाड़ा, उदयपुर तथा चित्तोड़गढ़ जिलों से अलग होकर नया जिला बना।
- परमेश चंद्र समिति की सिफारिश पर प्रतापगढ़ जिला बनायागया था।
- प्रतापगढ़ जिले का गठन 5 तहसीलो को मिलाकर किया गया था। जिनमे 3 तहसील चितौडगढ़ तथा 2 तहसील उदयपुर से लीगई थी।
- 1.अरनोद – चित्तोड़गढ़ जिले में
- 2. छोटीसादड़ी– चित्तोड़गढ़ जिले में
- 3. प्रतापगढ़– चित्तोड़गढ़ जिले में
- 4. धरियावद – उदयपुर जिले में
- 5. पीपलखूंट – बांसवाड़ा जिले में
राजस्थान के अन्य जिले
जयपुर जिला Jaipur District
- जयपुर जिले की स्थापना सन 18 नवंबर 1727 में महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने की,
- जयपुर वर्तमान में राजस्थान की राजधानी है।
- जयपुर को पिंक सिटी यहां गुलाबी नगर के नाम से भी जाना जाता है
- सन 1878 में प्रिंस ऑफ वेल्स के जयपुर आगमन पर जयपुर को गुलाबी रंग से पुतवाया गया था।
- जयपुर जिला का क्षेत्रफल 11143 वर्ग किलोमीटर है
अलवर जिला Alwar District
- अलवर के संस्थापक राजा राव प्रताप सिंह थे
- अलवर जिला का गठन 25 नवंबर 1775 को हुआ।
- अलवर जिला को राजस्थान का प्रवेश द्वार कहा जाता है।
- अलवर जिला के प्रमुख पर्यटन स्थल बाला किला, सिलीसेढ़ झील, मूसी महारानी की छतरी ,पांडुपोल, सरिस्का
- अलवर जिला का क्षेत्रफल 8380 वर्ग किलोमीटर है।
कोटा जिला Kota District
- कोटा, जिसे पहले कोटाह् के नाम से जाना जाता था।
- कोटा जिले का कुल क्षेत्रफल 12,436 किमी² है।
- कोटा जिले की जनसंख्या (2011) 19,50,491 है।
- कोटा चम्बल नदी के पूर्वी तट पर स्थित है।
- यह राजस्थान के दक्षिणी भाग में आता है।
- कोटा हाड़ौती क्षेत्र में स्थित है।
सीकर जिला Sikar District
- सीकर जिला की आकृति अर्धचंद्राकार/प्यालाकार
- सीकर जिला का प्रमुख पर्यटन स्थल खाटूश्यामजी, जीण माता ,हर्षनाथ मंदिर
झुंझुनू जिला Jhunjhun District
- झुंझुनू जिला नाम झुंझ या जुझार सिंह नेहरा नामक जाट के नाम पर रखा गया।
जोधपुर जिला Jodhpur District
- जोधपुर को सन सिटी के नाम से जाना जाता है।
- राव जोधा ने 1459 में जोधपुर की स्थापना की जोधपुर की आकृति ऑस्ट्रेलिया या मयूराकार है।
जैसलमेर जिला Jaisalmer District
- जैसलमेर को गोल्डन सिटी कहते हैं
- महारावल जैसल ने 1156 को जैसलमेर की स्थापना की
- जैसलमेर जिला की आकृति अनियमित बहुभुज के समान है
बाड़मेर जिला Barmer District
- बाड़मेर जिला राजस्थान का तीसरा बड़ा जिला है।
- बाड़मेर जिले के उपनाम बाड़मेर को मालानी, श्रीमाल, किरात कूप, शिवकूप तथा कला व हस्तशिल्प का सिरमौर कहा जाता है।
- बाड़मेर का क्षेत्रफल – 28,387 वर्ग किलोमीटर है।
- बाड़मेर राजस्थान के पश्चिम में स्थित है, जिससे अन्तर्राष्ट्रीय (पाकिस्तान) व अन्तर्राज्यीय (गुजरात से) दोनों प्रकार की सीमाएँ लगती है।
- रेडक्लिफ रेखा राज्य के दक्षिण पश्चिम में बाड़मेर के बाखासर गांव (शाहगढ़) तक विस्तृत है। रेडक्लिफ रेखा की बाड़मेर से 228 कि.मी. सीमा लगती है।
- बाड़मेर राजस्थान का वह जिला जो किसी भी अन्य राज्य के साथ सबसे कम अन्तर्राज्यीय सीमा बनाता है।
जालौर जिला Jalore District
- जालौर जिले का कुल क्षेत्रफल – 10,640 वर्ग किलोमीटर है।
- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जालौर जिले की कुल जनसंख्या18,28,730 है।
पाली जिला Pali District
- पाली जिले का कुल क्षेत्रफल – 12,387 वर्ग किलोमीटर है।
- नगरीय क्षेत्रफल – 379.56 वर्ग किलोमीटर तथा ग्रामीण क्षेत्रफल – 12,007.44 वर्ग किलोमीटर है।
- पाली जिले की मानचित्र स्थिति – 24°45′ से 26°75′ उत्तरी अक्षांश तथा 72°48′ से 74°20′ पूर्वी देशान्तर है।
- पाली जिले में कुल वनक्षेत्र – 943.82 वर्ग किलोमीटरहै।
- पाली जिले के प्राचीन काल में गुर्जर प्रदेश के नाम से जाना जाता था।
- पाली जिले की सीमा 8 जिलों से स्पर्श करती है। यह राजस्थान का वह जिला है जो सर्वाधिक जिलों के साथ सीमा बनाता है।
- पाली जिले में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 6 है, जो निम्न है 1. जैतारण, 2. सोजत, 3. पाली, 4. मारवाड़ जंक्शन, 5. बाली, 6. सुमेरपुर
सिरोही जिला Sirohi District
- सिरोही जिले का कुल क्षेत्रफल 5,136 वर्ग किलोमीटर है।
- नगरीय क्षेत्रफल – 69.32 वर्ग किलोमीटर तथा ग्रामीण क्षेत्रफल – 5,066.68 वर्ग किलोमीटर है।
- सिरोही जिले की मानचित्र स्थिति – 24°15′ से 27°17′ उत्तरी अक्षांश तथा 72°16′ से 73°10′ पूर्वी देशान्तर है।
- सिरोही जिले में कुल वनक्षेत्र – 1,598.15 वर्ग किलोमीटर है।
- प्राचीन काल में सिरोही को ”अर्बुद प्रदेश” प्रदेश के नाम से जाना जाता था।
- सिरोही जिले में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 3 है, जो निम्न है 1. सिरोही, 2. पिण्डवाडा-आबू तथा 3. रेवदर
- सिरोही जिले में 5 तहसील है
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार सिरोही जिले की जनसंख्या 10,36,346 - वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार सिरोही जिले की जनसंख्या 10,36,346 है।
बीकानेर जिला Bikaner District
- बीकानेर के उपनाम – राती घाटी, जाँगल प्रदेश, ऊँटों का देश है।
- राव जोधा के पाँचवे पुत्र राव बीका ने ‘करणी माता’ के आशीर्वाद से वैशाख शुक्ल तृतीया को 1488 ई. में बीकानेर की नींव रखी।
- बीकानेर एकीकरण के चतुर्थ चरण (30 मार्च, 1949) में वृहद राजस्थान में शामिल हुआ है।
- बीकानेर का क्षेत्रफल – लगभग 27,244 वर्ग किलोमीटर है।
- बीकानेर में तहसीलों की संख्या 7, उपतहसील है।
- बीकानेर में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 7 (सात) हैं, जो निम्न है।
- 2011 की जनगणना के अनुसार बीकानेर की कुल जनसंख्या—23,63,937 है।
गंगानगर जिला Gangangar District
- गंगानगर जिले का क्षेत्रफल – 10978 वर्ग किलोमीटर है।
- नगरीय क्षेत्रफल – 70.09 वर्ग किलोमीटर तथा ग्रामीण क्षेत्रफल – 10,907.91 वर्ग किलोमीटर है।
- राजस्थान के सबसे उत्तर में कोणा गाँव, गंगानगर तहसील, गंगानगर जिला है।
- श्री गंगानगर जिले की अन्तर्राष्ट्रीय व अन्तर्राज्यीय दोनों प्रकार की सीमाएँ लगती है।
- गंगानगर की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान के साथ 210 किमी. लगती है।
- अन्तर्राष्ट्रीय सीमा की शुरुआत श्रीगंगानगर जिले के हिन्दुमल कोट से होती है।
- गंगानगर की अन्तर्राज्यीय सीमा पंजाब के साथ लगती है।
- अन्तर्राष्ट्रीय सीमा (रेडक्लिफ) पर राज्य का सबसे नजदीक जिला मुख्यालय गंगानगर है।
चूरू जिला Churu District
- चूरू जिला राजस्थान के बीकानेर संभाग में आता है।
- चूरू सर्वाधिक तापान्तर वाला जिला है।
- चूरू जिले की स्थापना चूहड़ा जाट ने 1620 ई. में की।
- स्वतंत्रता के समय यह बीकानेर रियासत का भाग था।
- 1 नवम्बर 1956 को पूर्ण एकीकरण के तहत चूरू को जिले का दर्जा मिला।
- चुरू जिले का क्षेत्रफल – लगभग 16830 वर्ग किलोमीटर है।
उदयपुर जिला Udaypur District
- उदयपुर को झीलों का शहर कहते हैं
- 1559 में उदय सिंह द्वितीय ने उदयपुर की स्थापना की उदयपुर को पूर्व का वेनिस भी कहते हैं
डूंगरपुर जिला Dungarpur District
- डूंगरपुर को पहाड़ियों का शहर भी कहा जाता है
बांसवाड़ा जिला Banswada District
- बांसवाड़ा को सो दीपों का शहर भी कहा जाता है
चित्तौड़गढ़ जिला Chittodgadh District
- चित्तौड़गढ़ जिला की आकृति घोड़े की नाल के समान है
भरतपुर जिला Bhratpur District
- भरतपुर जिला को राजस्थान का पूर्वी द्वार कहते हैं।
नागौर जिला Nagaor District
- नागौर जिले में कुल वनक्षेत्र – 235.93 वर्ग किलोमीटरहै।
- नागौर जिले के उपनाम अहिच्छत्रपुर, औजारों की नगरी, राजस्थान की धातु नगरी है।
- नागौर जिले में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 10 है, जो निम्न प्रकार है।
- 1. लाडनूं, 2. डीडवाना, 3. जायल, 4. नागौर, 5. खींवसर, 6. मेड़ता, 7. डेगाना, 8. मकराना, 9. नावां, 10. परबतसर
- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार नागौर जिले की जनसंख्या 33,07,743 है।
टोक जिला Tok District
- टोक जिला नवाबों की नगरी कहा जाता है
- टोक जिला की आकृति पतंगाकार या चतुर्भुजाकार है
भीलवाड़ा जिला Bhilwada District
- भीलवाड़ा को राजस्थान का मैनचेस्टर भी कहा जाता है
- भीलवाड़ा जिला की आकृति आयताकार है।
बूंदी जिला Bundi District
- बूंदी के उपनाम बावडिय़ों का शहर, राजस्थान की काशी, छोटी काशी, द्वितीय काशी तथा बून्दु का नाला कहते है।
- बूंदी की स्थापना लोकमान्यता के अनुसार बूँदी की स्थापना ‘बूंदा मीणा’ ने की। सन् 1342 में देवा ने बूँदी में चौहान वंश की स्थापना की।
- बूंदी का क्षेत्रफल लगभग 5776 वर्गकिलोमीटर है।
- बूंदी में कुल वनीय क्षेत्रफल 1495.65 वर्गकिलोमीटर है।
- हाड़ा चौहानों का प्रभुत्व होने के कारण यह क्षेत्र ‘हाड़ौती’ कहलाया।
झालावाड़ जिला Jhalawar district
- झालावाड़ जिले का कुल क्षेत्रफल 6219 वर्ग किलोमीटर है।
- नगरीय क्षेत्रफल 69.22 वर्ग किलोमीटर तथा ग्रामीण क्षेत्रफल 6149.78 वर्ग किलोमीटर है।
- झालावाड़ जिले की मानचित्र स्थिति 23°45’20 से 24°52’17 उत्तरी अक्षांश तथा 75°27’35 से 76°56’48 पूर्वी देशान्तर है।
- झालावाड़ जिले में कुल वनक्षेत्र 1377.68 वर्ग किलोमीटर है।