
एकीकरण के समय राजस्थान में स्थापित कुल विद्युत क्षमता 13.27 मेगा वाट थी। जो बढ़कर 2016 में 17894 मेगा वाट तक पहुँच गयी है।
1 जुलाई 1957 को राजस्थान राज्य विद्युत मंडल की स्थापना की गयी।
2 जनवरी 2000 को राजस्थान विद्युत नियामक आयोग का गठन किया गया।
19 जुलाई 2000 को राजस्थान विद्युत मंडल को 5 कंपनियों में विभाजित कर दिया गया।
- राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड, जयपुर
- राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड, जयपुर
- जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, जयपुर (12 जिलों में विधुत वितरण)
- अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, अजमेर (11 जिलों में विधुत वितरण)
- जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, जोधपुर (10 जिलों में विधुत वितरण)
राजस्थान में विद्युत ऊर्जा उत्पादन का सही क्रम :-
तापीय ऊर्जा > पवन ऊर्जा > जल विद्युत ऊर्जा > सौर ऊर्जा > आण्विक ऊर्जा > बायोमास ऊर्जा
ऊर्जा संसाधन को हम दो भागो में पढ़ते है।
- गैर परम्परागत ऊर्जा संसाधन
- परम्परागत ऊर्जा संसाधन
01)- राजस्थान में गैर परम्परागत ऊर्जा संसाधन
गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के दायरे में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल विद्युत्, बायो गैस, हाइड्रोजन, इंधन कोशिकाएं, विद्युत् वहां, समुद्री उर्जा, भू-तापीय उर्जा, आदि जैसी नवीन प्रौद्योगिकियां आती हैं।
राजस्थान में गैर परंपरागत ऊर्जा संसाधनों से विद्युत ऊर्जा उत्पादन का सही क्रम – पवन ऊर्जा > सौर ऊर्जा > बायोमास ऊर्जा> भूतापीय ऊर्जा
अक्षय ऊर्जा निगम राजस्थान
- राजस्थान में गैर परंपरागत ऊर्जा संसाधनों के विकास की शीर्ष राज्यस्तरीय संस्था
- अक्षय ऊर्जा निगम की स्थापना REDA (राजस्थान ऊर्जा विकास अभिकरण) – 1985, RSPCL (राजस्थान स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) – 1995 को मिलाकर मार्च 2002 में राजस्थान नवीनीकरणीय ऊर्जा विकास निगम के रूप में कई गई। जिसे अगस्त 2002 में अक्षय ऊर्जा निगम नाम दिया गया।
1. राजस्थान में पवन ऊर्जा Wind Power in Rajasthan
- राजस्थान में गैर परंपरागत ऊर्जा संसाधनों में सर्वाधिक विद्युत ऊर्जा उत्पादन पवन ऊर्जा से होती है (20.25%)
- पवन ऊर्जा उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का भारत में तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात के पश्चात चौथा स्थान है।
- राजस्थान में पवन ऊर्जा की सर्वाधिक संभावना जैसलमेर में है इस कारण जैसलमेर को पंखों की नगरी कहा जाता है।
- राजस्थान में पवन ऊर्जा उत्पादन अक्षय ऊर्जा निगम के अधीन सुजलोन एनर्जी इंडिया, एयरकॉन एनर्जी इंडिया, वोस्टास एनर्जी इंडिया आदि कंपनियां करती है।
राजस्थान की पवन ऊर्जा आधारित परियोजना
- अमर सागर विंड पावर प्रोजेक्ट – जैसलमेर
- राजस्थान की पहली पवन ऊर्जा परियोजना
- स्थापना – 1998 में RSPCL द्वारा
- बड़ा बाग विंड पावर प्रोजेक्ट – जैसलमेर
- हंसुआ विण्ड पावर प्रोजेक्ट – जैसलमेर
- सोडा बंधन विंड पावर प्रोजेक्ट – जैसलमेर
- निजी क्षेत्र की पहली पवन ऊर्जा परियोजना
- बिठूड़ी विंड पावर प्रोजेक्ट – फलोदी (जोधपुर)
- हर्ष पर्वत विंड पावर प्रोजेक्ट – सीकर
- देवगढ़ विंड पावर प्रोजेक्ट – प्रतापगढ़
- धमोतर विंड पावर प्रोजेक्ट – प्रतापगढ़
- राजस्थान की सबसे बड़ी पवन ऊर्जा परियोजना
2. राजस्थान में सौर ऊर्जा Solar Power in Rajasthan
- राजस्थान में सौर ऊर्जा का उत्पादन फोटो वॉल्टिक सेल पद्धति (प्रकाश विद्युत प्रभाव) द्वारा किया जाता है।
- प्रकाश विद्युत सेल बनाने में जस्ता (जिंक) का प्रयोग किया जाता है।
- राजस्थान में सौर ऊर्जा उत्पादन की विपुल संभावनाओं को देखते हुए अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा सीज (SEEZ) की स्थापना की जा रही है।SEEZ (सीज) – सोलर एनर्जी एंटरप्राइजिंग जॉन
- सीज के अंतर्गत राजस्थान के 3 जिले सम्मिलित हैं – बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर (जिन्हें सौर ऊर्जा त्रिभुज की संज्ञा दी गई है)
- राजस्थान में सर्वाधिक सौर ऊर्जा उत्पादन की संभावना वाला जिला जोधपुर है (कारण – सूर्य की लंबवत स्थिति, वन प्रतिशत न्यूनतम, पथरीला/चट्टानी मरुस्थल)
- वर्तमान में राजस्थान का सौर ऊर्जा उत्पादन में भारत में प्रथम स्थान है। (4.43%) ( Rajasthan me Urja Snsadhan )
राजस्थान में सौर ऊर्जा परियोजना
1. मथानिया सोलर पावर प्रोजेक्ट – जोधपुर
- राजस्थान की पहली सौर ऊर्जा परियोजना
- जर्मनी, विश्व बैंक, भारत सरकार द्वारा स्थापित
2.गोरीर सोलर पावर प्रोजेक्ट – झुंझुनू
- अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा स्थापित
3.अगोरिया सोलर पावर प्रोजेक्ट – बाड़मेर
- सनसोर्स इण्डिया लिमिटेड – अहमदाबाद द्वारा स्थापित मो
4.मोकला सोलर पावर प्रोजेक्ट – जैसलमेर
- एनरॉन एनर्जी लिमिटेड USA द्वारा स्थापित
5.खींवसर सोलर पावर प्रोजेक्ट – नागौर
- रिलायंस द्वारा स्थापित
6.धुनिया सोलर पावर प्रोजेक्ट – जोधपुर
- सोलर पॉवर लिमिटेड मुम्बई द्वारा स्थापित
7.नांदिया सोलर पावर प्रोजेक्ट – जोधपुर
- रिलायंस द्वारा स्थापित
8.भीरूखेड़ा सोलर पावर प्रोजेक्ट – बीकानेर9.धूड़सर सोलर पावर प्रोजेक्ट – जैसलमेर
- अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा स्थापित
3. राजस्थान में बायोमास ऊर्जा Biomass Energy in Rajasthan
- कृषि अवशेष जैसे – चावल की भूसी, सरसों की खल, गेहूं-गन्ना-कपास की डंठल, शहरी कचरा आदि का प्रयोग कर विद्युत ऊर्जा उत्पादन बायोमास ऊर्जा कहलाता है।
- बायोगैस के मुख्य घटक मीथेन (65%), कार्बन डाइऑक्साइड (30%)
- वर्तमान में राजस्थान में लगभग 101 मेगावाट विद्युत ऊर्जा उत्पादन बायोमास होता है जिसका राजस्थान की कुल विद्युत ऊर्जा उत्पादन में 0.56% योगदान है।
- राजस्थान में बायोगैस के सर्वाधिक संयंत्र – उदयपुर
- राजस्थान में ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू ऊर्जा का सर्वश्रेष्ठ विकल्प बायोगैस है।
राजस्थान में बायोमास संयंत्र
1.पदमपुरा बायोमास संयंत्र – गंगानगर
- राजस्थान का पहला बायोगैस संयंत्र
- यह कृषि अवशेष पर आधारित है।
2.खेड़ली बायोमास सयंत्र – अलवर
- सरसों की खल पर आधारित सयंत्र है।
3.देवली बायोमास संयंत्र – टोंक
- चावल की भूसी पर आधारित सयंत्र
4.अजमेर बायोमास संयंत्र – अजमेर
- विलायती बबूल आधारित सयंत्र
5.बालोतरा बायोमास संयंत्र – बाड़मेर
- शहरी कचरा आधारित सयंत्र
6.रामगंज बायोमास संयंत्र – कोटा
- शहरी कचरा आधारित सयंत्र
4. राजस्थान में भूतापीय ऊर्जा Geothermal Energy in Rajasthan
- राजस्थान में भूतापीय ऊर्जा की संभावना माउंट आबू (सिरोही) तथा पुष्कर (अजमेर) में है।
02)- राजस्थान में परम्परागत ऊर्जा संसाधन
परम्परागत ऊर्जा धरती के गर्भ में मौजूद कोयला, पेट्रोलियम, परमाणु ईंधन,गैस ये सभी समाप्तहोने वाले ऊर्जा स्त्रोत हैं इसलिए इन्हें परम्परागत ऊर्जा स्रोत कहा जाता है
(1) तापीय ऊर्जा (कोयला आधारित)
- राजस्थान में सर्वाधिक विद्युत ऊर्जा उत्पादन कोयला आधारित तापीय ऊर्जा से होता है (56%)
- राजस्थान में अधिकांश तापीय उर्जा परियोजना लिग्नाइट कोयला आधारित है।
- राजस्थान में कोयला आधारित तापीय ऊर्जा परियोजना तीन प्रकार की है –
- (अ ) सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट
- (ब ) सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट
- (स ) थर्मल पावर प्रोजेक्ट
(अ ) सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट
वे तापीय परियोजना जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 1000 मेगावाट या अधिक तथा किसी एक इकाई की उत्पादन क्षमता 500 मेगावाट या अधिक है। सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट कहलाता है।
राजस्थान के सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट –
(i) सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट –
- गंगानगर (राजस्थान का पहला सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट)
- सूरतगढ़ वर्तमान में उत्पादन क्षमता की दृष्टि से राजस्थान की सबसे बड़ी तापीय ऊर्जा परियोजना है।
(ii) छबड़ा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट –
- बांरा (वर्तमान में राजस्थान में सर्वाधिक उत्पादन करने वाली परियोजना)
(iii) कालीसिंध सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट – झालावाड़(iv) झालावाड़ सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट – झालावाड़(v) बांसवाड़ा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट – बांसवाड़ा
(ब ) सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट
वे तापीय ऊर्जा परियोजना जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 1000 मेगावाट या उससे अधिक है जबकि किसी एक इकाई की उत्पादन क्षमता 500 मेगावाट या उससे अधिक नहीं है।
राजस्थान के सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट :-
- (i)कोटा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट – कोटा (1240 MW)
- (ii)कवई सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट – बांरा (1320 MW)
- (iii)दानपुर सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट – बांसवाड़ा (1320 MW)
- (iv)कपूरड़ी जालीपा सुपर थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट – बाड़मेर (1080 MW)
- (v)भादरेश सुपर थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट – बाड़मेर (1000 MW)
(स )थर्मल पावर प्रोजेक्ट
वे तापीय ऊर्जा परियोजना जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 1000 मेगावाट या उससे अधिक नहीं है तथा किसी इकाई की उत्पादन क्षमता 500 मेगावाट से अधिक नहीं है।
राजस्थान के थर्मल पावर प्रोजेक्ट
- (i)हाड़ला थर्मल पावर प्रोजेक्ट – बीकानेर
- (ii)गुढ़ा थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट – बीकानेर
- (iii)गिरल थर्मल पावर प्रोजेक्ट – बाड़मेर
- (iv)नेवली थर्मल पावर प्रोजेक्ट – बीकानेर
- राजस्थान में कोटा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट बिटुमिनस कोयला आधारित परियोजना है।
- राजस्थान में पहला निजी क्षेत्र का तापीय ऊर्जा संयंत्र गुढ़ा थर्मल पावर प्रोजेक्ट बीकानेर है।
- राजस्थान की पहली गैसीकरण लिग्नाइट तकनीकी पर आधारित परियोजना गिरल थर्मल पावर प्रोजेक्ट बाड़मेर है। (जर्मनी के सहयोग से)
- राजस्थान में सुपर क्रिटिकल / सुपर थर्मल / थर्मल पावर प्रोजेक्ट जो निजी क्षेत्र के उपक्रम नहीं है उनका संचालन राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RRVUNL) करता है।
राजस्थान की संयुक्त तापीय ऊर्जा परियोजना
- (i)सिंगरौली तापीय ऊर्जा परियोजना – राजस्थान व उत्तर प्रदेश
- (ii)रिहंद तापीय ऊर्जा परियोजना – राजस्थान व उत्तर प्रदेश
- (iii)ऊंचाहार तापीय ऊर्जा परियोजना – राजस्थान व उत्तर प्रदेश
- (iv)ओरिया तापीय उर्जा परियोजना – राजस्थान व उत्तर प्रदेश
- (v)सतपुड़ा तापीय ऊर्जा परियोजना – राजस्थान व मध्य प्रदेश
(2) राजस्थान में प्राकृतिक गैस आधारित तापीय ऊर्जा परियोजना
- रामगढ़ प्राकृतिक गैस परियोजना – जैसलमेर (राजस्थान की पहली प्राकृतिक गैस आधारित परियोजना)
- केशोरायपाटन प्राकृतिक गैस परियोजना – बूंदी
- कोटा प्राकृतिक गैस परियोजना – बूंदी
- छबड़ा प्राकृतिक गैस परियोजना – बांरा
- झामर कोटड़ा प्राकृतिक गैस परियोजना – उदयपुर
- धौलपुर गैस कार्बाइड परियोजना – धौलपुर
नोट – भारत की पहली प्राकृतिक गैस आधारित परियोजना अंता प्राकृतिक गैस परियोजना (बांरा) की स्थापना राजस्थान में कई गयी। परन्तु यह राजस्थान तथा मध्यप्रदेश की सयुक्त प्राकृतिक गैस आधारित परियोजना है।
(3) जल विद्युत परियोजना
- राजस्थान में जल विद्युत ऊर्जा से 10.12% विद्युत उत्पादन होता है।
- राजस्थान में तीन प्रकार की जल विद्युत परियोजना है
(A) राजस्थान की स्वयं की जल विद्युत परियोजना
- जाखम परियोजना – जाखम नदी – प्रतापगढ़
- अनास परियोजना – अनास नदी – बांसवाड़ा
(B) राजस्थान की स्वतंत्र साझा परियोजना
(i)भाखड़ा नांगल परियोजना –
- सतलज नदी – राजस्थान + पंजाब + हरियाणा
- भाखड़ा बांध (हिमाचल प्रदेश) – 17 नवम्बर 1955 – भारत का सबसे ऊंचा गुरुत्वीय बांध (225 मीटर)
- नांगल बांध (पंजाब) – 1952 – जल विद्युत परियोजना (राजस्थान का भाग – 15.52%)
(ii)व्यास परियोजना :-
- व्यास नदी – राजस्थान + पंजाब + हरियाणा
- पडोह बांध (हिमाचल प्रदेश) – जल विद्युत – (राजस्थान – 20%)
- पोंग बांध (हिमाचल प्रदेश) – जल विद्युत – (राजस्थान – 59%)
(iii) चम्बल नदी घाटी परियोजना :-
- चम्बल नदी – राजस्थान : मध्यप्रदेश (50:50)
- गांधीसागर बांध – मंदसौर (मध्यप्रदेश) – जल विद्युत
- राणाप्रताप सागर बांध – रावतभाटा (चितौड़गढ़) – जल विद्युत
- जवाहर सागर बांध – बोरावास (कोटा) – जल विद्युत
- कोटा बैराज – कोटा – पेयजल एवं सिंचाई
(iv) माही बजाज सागर परियोजना :-
- माही नदी – राजस्थान : गुजरात (45:55)
- कडाना बांध – गुजरात
- माही बजाज सागर बांध – बोरखेड़ा (बांसवाड़ा)
- कागदी पिकअप बांध – बांसवाड़ा
केंद्रीय जल विद्युत परियोजनाएं
- 1.सलाल परियोजना – चिनाब नदी – जम्मू कश्मीर
- 2.दुल्हस्ती परियोजना – चिनाब नदी – जम्मू कश्मीर
- 3.बगलिहर परियोजना – चिनाब नदी – जम्मू कश्मीर
- 4.उरी परियोजना – झेलम नदी – जम्मू कश्मीर
- 5.तुलबुल परियोजना – झेलम नदी – जम्मू कश्मीर
- 6.चमेरा परियोजना – रावी नदी – हिमाचल प्रदेश
- 7.नाथपा झाकरी परियोजना – सतलज नदी – हिमाचल प्रदेश
- 8.टनकपुर परियोजना — काली नदी – उत्तराखंड
- 9.टिहरी परियोजना – भागीरथी नदी – उत्तराखंड
आण्विक ऊर्जा परियोजना
1.रावतभाटा परमाणु विद्युत गृह – चितौड़गढ़
- रावतभाटा परमाणु विद्युत ग्रह भारत का सबसे बड़ा परमाणु रिक्टर है जिसमे कुल 8 इकाइयों के संचालन किया जा रहा है।
- रावतभाटा परमाणु रिएक्टर की स्थापना 1965 में कनाडा के सहयोग से की गई।
- रावतभाटा परमाणु रिएक्टर भारत की पहली तथा एकमात्र दाबित भारी जल / गुरु जल / ड्यूटेरियम ऑक्साइड आधारित परियोजना है।
2.बांसवाड़ा परमाणु विद्युत ग्रह :- बांसवाड़ा (निर्माणाधीन)