
ऐतिहासिक परिदृश्य
संघ लोक सेवा आयोग की संवैधानिक उपबंध
- इसका विवरण भाग संविधान के भाग 14 मे वर्णित है।
- अनुच्छेद- 315. संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग
- अनुच्छेद- 316. सदस्यों की नियुक्ति और पदावधि
- अनुच्छेद- 317. लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का हटाया जाना और निलंबित किया जाना
- अनुच्छेद- 318. आयोग के सदस्यों और कर्मचारिवृंद की सेवा की शर्तों के बारे में विनियम बनाने की शक्ति
- अनुच्छेद- 319. आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद धारण करने के संबंध में प्रतिषेध
- अनुच्छेद- 320 लोक सेवा आयोगों के कृत्य
- अनुच्छेद- 321. लोक सेवा आयोगों के कृत्यों का विस्तार करने की शक्ति
- अनुच्छेद- 322. लोक सेवा आयोगों के व्यय
- अनुच्छेद-323. लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन
संघ लोक सेवा आयोग की संरचना
- एक अध्यक्ष व कुछ अन्य सदस्य ( सदस्यो की संख्या निश्चित नहीं है)।
- नियुक्ति और संख्या राष्ट्रपति निर्धारित करता है।
सदस्य
- आयोग के सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होते हैं। कम से कम आधे सदस्य किसी लोक सेवा के सदस्य (कार्यरत या अवकाशप्राप्त) होते हैं जो न्यूनतम 10 वर्षों के अनुभवप्राप्त हों।
- इनका कार्यकाल 6 वर्षों या 65 वर्ष की उम्र (जो भी पहले आए) तक का होगा। ये कभी भी अपना इस्तीफ़ा राष्ट्रपति को दे सकते हैं। इससे पहले राष्ट्रपति इन्हें पद की अवमानना या अवैध कार्यों में लिप्त होने के लिए बर्ख़ास्त कर सकता है।
योग्यता
- कोई विशेष विवरण नहीं है फिर भी यह आवश्यक है कि आयोग के आधे से अधिक सदस्य भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन कम से कम 10 वर्षो तक कार्य करने का अनुभव हो।
कार्यकाल
- 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु।
कार्यवाहक अध्यक्ष
- (क) जब अध्यक्ष का पद रिक्त हो।
- (ख) जब अध्यक्ष अपना कार्य अनुपस्थिति या अन्य दूसरे कारणो से नहीं कर पा रहा हो।
निष्कासन
- (क) उसे दिवालिया घोषित कर दिया जाये।
- (ख) वेतन नियोजन मे कर्तव्यो से हटकर कार्य करना।
- (ग) राष्ट्रपति अयोग्य घोषित कर दे।
- (घ) कदाचार
संघ लोक सेवा का अध्यक्ष किसी अन्य नियुक्ति का अधिकारी नहीं होता।
संघ लोक सेवा आयोग के कार्य
संविधान के अनुच्छेद 320 के अंतर्गत, अन्य बातों के साथ-साथ सिविल सेवाओं तथा पदों के लिए भर्ती संबंधी सभी मामलों में आयोग का परामर्श लिया जाना अनिवार्य होता है। संविधान के अनुच्छेद 320 के अंतर्गत आयोग के प्रकार्य इस प्रकार हैं:
- संघ के लिए सेवाओं में नियुक्ति हेतु परीक्षा आयोजित करना।
- साक्षात्कार द्वारा चयन से सीधी भर्ती।
- प्रोन्नति/ प्रतिनियुक्ति/ आमेलन द्वारा अधिकारियों की नियुक्ति।
- सरकार के अधीन विभिन्न सेवाओं तथा पदों के लिए भर्ती नियम तैयार करना तथा उनमें संशोधन।
- विभिन्न सिविल सेवाओं से संबंधित अनुशासनिक मामले।
- भारत के राष्ट्रपति द्वारा आयोग को प्रेषित किसी भी मामले में सरकार को परामर्श देना।
सीमाए
- पिछड़ी जाति की नियुक्तियों पर आरक्षण देने के मामले पर।
- सेवाओ व पदो पर अनुसूचित जाति व जनजाति के दावो को ध्यान मे रखने हेतु।
Officially Website – https://www.upsc.gov.in/hi/