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उत्तर प्रदेश की नदियाँ सामान्य ज्ञान – Rivers of Uttar Pradesh in Hindi

by staff

उत्तर प्रदेश की नदियाँ सामान्य ज्ञान - Rivers of Uttar Pradesh in Hindi

नदियों के उद्गम स्रोत के आधार पर उत्तर प्रदेश की नदियों को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है-

  1. हिमालय से निकलने वाली नदियाँ
  2. गंगा के मैदान से निकलने वाली नदियाँ
  3. प्रायद्वीपीय पठार से निकलने वाली नदियाँ

1)- हिमालय से निकलने वाली नदियाँ

हिमालय पर्वत से निकलने वाली उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियाँ गंगा नदि, यमुना नदि, शारदा नदि, रामगंगा नदि, घागरा नदि, गंडक नदि और राप्ती नदि हैं।

गंगा नदी GAnga NAdi

  • गंगा नदी की कुल लम्बाई 2510 किलोमीटर है उत्तर प्रदेश की सबसे लंबी नदी है। 
  • गंगा नदी उत्तर प्रदेश में 1450 किलोमीटर लंबा मार्ग तय करती है। 
  • गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ रामगंगा, घागरा, गंडक, कोसी और बागमती तथा दक्षिण किनारे से मिलने वाली सहायक नदियाँ यमुना, टोंस एवं सोन नदी हैं। 
  • गंगा नदी यमुना और सरस्वती नदी से प्रयागराज में मिलती हैं।
  • गंगा नदी का उद्गम गोमुख (गंगोत्री हिमनद) से होता है। उद्गम स्थान पर गंगा नदी की मुख्यधारा को भागीरथी के नाम से जाना जाता है। 
  • भागीरथी और अलकनंदा नदी की ही संयुक्त धारा गंगा नदी है। इन दोनों नदियों का संगम देवप्रयाग उत्तराखंड में होता है। 
  • धौलीगंगा नदी अलकनंदा नदी से विष्णुप्रयाग में मिलती है और मंदाकिनी नदी रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी से मिलती है।
  • हरिद्वार से गंगा नदी मैदानी भागों में प्रवेश करती है तथा उत्तर प्रदेश में गंगा नदी बिजनौर जनपद से प्रवेश करती है। 
  • गंगा नदी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल राज्यों से होकर बहती है।
  • गंगा नदी उत्तर प्रदेश के 28 जिलों से होकर बहती है। गंगा नदी के किनारे स्थिर उत्तर प्रदेश के प्रमुख नगर- फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गाजीपुर, गढ़मुक्तेश्वर, सोरों आदि हैं।
  • कानपुर नगर, गंगा नदी के दाएं किनारे तथा वाराणसी बाएं किनारे पर स्थित है।

यमुना नदी YAmuna NAdi

  • यमुना नदी की लम्बाई भी 1365 किलोमीटर है , इसका उद्गम हिमालय में बन्दरपूँछ ( यमुनोत्री ) ग्लेसिअर से होती है। 
  • यमुना नदी उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश से होकर बहती है । 
  • उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, शामली, बागपत, गाजियाबाद, गौतम बुद्धनगर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, एवं प्रयागराज जिलों से होकर बहती है। 
  • चंबल नदी, यमुना नदी से इटावा के पास तथा बेतवा नदी यमुना नदी से हमीरपुर के पास मिलती हैं। 
  • बांदा में भोजहा के निकट यमुना नदी से केन नदी मिलती है। 
  • उत्तर प्रदेश के मथुरा, वृंदावन, आगरा, इटावा, हमीरपुर, बटेश्वर, कौशांबी तथा कालपी नगर यमुना नदी के किनारे बसे हैं।

रामगंगा नदी RamGanga Nadi 

  • रामगंगा नदी का उद्गम उत्तराखंड के लघु हिमालय में अल्मोड़ा जिले के दुनागिरि से होता है , इस दुनागिरि  का नाम हिन्दू ग्रंथो में द्रोणगिरि  है ।  
  • रामगंगा नदी उत्तराखंड के गढ़वाल ज़िले के कुमाऊ क्षेत्र हिमालय श्रेणी के दक्षिणी भाग से नैनीताल के निकट निकलती हुई उत्तर प्रदेश में बहती है।
  • रामगंगा नदी 600 कि.मी. बहने के उपरान्त कन्नौज के निकट हरदोई जनपद की सवायजपुर तहसील में गंगा में मिल जाती है।
  • रामगंगा नदी 144 किलोमीटर की पहाड़ी यात्रा करके कालागढ़ ज़िले के निकट बिजनौर ज़िले के मैदानों में उतरती है। मैदानी यात्रा के 24 कि.मी. के उपरान्त कोह नदी इसमें मिलती है।
  •  मध्यकाल के जो आक्रमणकारी मुसलमानो ने भारत पर हमला किया था , तो इस नदी को अपने किताबो  में “राहिब” लिखा ।
  • रामगंगा नदी कार्बेट नेशनल पार्क से होकर बहती है। 
  • मुरादाबाद, बरेली, बदायूँ, शाहजहाँपुर, फ़र्रुख़ाबाद, हरदोई आदि ज़िलों से यह गुजरती है।
  • रामगंगा नदी कालागढ़ जिला बिजनौर से मैदानी भागों में प्रवेश करती है।
  • नदी से सिंचाई का लाभ उठाने के लिए कालागढ़ में एक बाँध भी बनाया गया है।

शारदा नदी Sharda Nadi

  • शारदा नदी का उद्गम कुमाऊं हिमालय (मिलाप ग्लेशियर) से होता है। 
  • प्रारंभ में से काली गंगा या गौरी गंगा के नाम से जाना जाता है।
  •  शारदा नदी ब्रह्मदेव के निकट मैदानी भागों में प्रवेश करती है। 
  • शारदा नदी सांप की तरह टेढ़े मेढ़े मार्ग से होकर बहती है। 
  • शारदा एवं घाघरा नदी का संगम बहरामघाट के निकट होता है।
  • शारदा नदी पीलीभीत एवं नेपाल की सीमा निर्धारित करती है।

घाघरा नदी या करनाली नदी Ghaghra Nadi/Karnali Nadi

  • घाघरा नदी का उद्गम मपचाचुंगों हिमनद (तिब्बत) से होता है। घाघरा नदी की सहायक नदियाँ करनाली, सिख, टीला, सेटी, बेरी, राप्ती एवं छोटी गंडक है। 
  • घाघरा नदी को सरयू नदी के नाम से भी जाना जाता है। 
  • 1080 किमी. प्रवाहित होने के बाद घाघरा नदी छपरा (बिहार) के निकट गंगा नदी से मिलती है।
  • यह नदी पर्वतीय प्रदेश में करनाली और मैदानी प्रदेश में घाघरा कहलाती है।
  • घाघरा नदी या करनाली नदी गंगा नदी की मुख्य सहायक नदी है। 
  • अयोध्या नगर सरयू (घाघरा) नदी के किनारे स्थित है।
  • मैदानी भाग में यह नदी दो उपशाखाओं में विभाजित हो जाती है। पश्चिमी शाखा पूर्वी शाखा इसकी पश्चिमी शाखा करनाली और पूर्वी शाखा को शिखा कहते हैं। आगे चलकर ये पुनः एक हो जाती हैं।
  • शिवालिक पहाड़ियों में घाघरा नदी की घाटियों की चौड़ाई 180 मीटर एवं गहराई 600 मीटर से भी अधिक है।
  • इन नदी घाटियों में पर्वतीय क्षेत्र से टीला, सेती, बेरी, आदि नदियाँ आकर मिलती हैं।
  • गोरखपुर के निकट राप्ती एवं छोटी गण्डक नदियाँ इसमें आकर मिल जाती है।

राप्ती नदी / इरावती नदी Rapti Nadi/ Iravti Nadi

  • राप्ती नदी नेपाल की लघु हिमालय श्रेणियों में धौलागिरि के दक्षिण में रुकुमकोट के निकट से निकलकर पहले दक्षिण में और फिर पश्चिम में बहती है। तत्पश्चात् एक बार पुनः दक्षिण की ओर बहने के बाद बहराइच, गोंडा, बस्ती और गोरखपुर ज़िलों में बहती हुई बरहज के निकट घाघरा नदी से मिल जाती है।
  • इस नदी की कुल लम्बाई 640 किलोमीटर है।
  • राप्ती नदी का सहायक नदी रोहिणी नदी है तथा राप्ती एवं घाघरा नदियों का संगम उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में में बरहज नामक स्थान पर होता है।
  • राप्ती नदी के उत्तर की ओर से रोहिणी नदी आकर इसमें मिलती है, जो कि इसकी मुख्य सहायक नदी है।
  • ‘बुद्धचरित में वर्णन है कि निर्वाण के पूर्व गौतम बुद्ध ने हिरण्यवती नदी में स्नान किया था, जो कुशीनगर के उपवन के समीप बहती थी। यह इरावती या राप्ती की ही एक शाखा जान पड़ती है।
  • उत्तरी भाग में इस नदी की एक मुख्य धारा बूढ़ी गण्डक के नाम से जाती है।
  • ‘बुद्धचरित'[4] के अनुसार बुद्ध की मृत्यु के पश्चात् मल्लों ने उनके शरीर के दाह संस्कार के लिए हिरण्यवती नदी को पार करके ‘मुकुट चैत्य’ के नीचे चिता बनाई थी।

गंगा के मैदान से निकलने वाली नदियाँ

गंगा के मैदानी भाग से निकलने वाली उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियाँ गोमती नदि, वरुणा नदि, पांडो नदि, सई नदि और ईसन नदि हैं।

गोमती नदी Gomti Nadi

  • गोमती नदी उत्तर प्रदेश की नदी है, जो पीलीभीत के दलदली क्षेत्र से निकलती है। 
  • गोमती नदी उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, लखनऊ, सुल्तानपुर एवं जौनपुर जिलों से प्रवाहित होती हुई गाजीपुर जिले में गंगा नदी से मिलती है।
  • उत्तर प्रदेश के लखनऊ, सुल्तानपुर और जौनपुर नगर गोमती नदी के किनारे स्थित हैं।
  • गोमती नदी का पुराणों में भी उल्लेख है। पौराणिक युग में यह विश्वास था कि वाराणसी क्षेत्र की सीमा गोमती से बरना तक थी। 
  • सीतापुर ज़िले में ‘कथना’ (90 मील लंबी) तथा ‘सरायाना’ (120 मील लंबी) नामक दो नदियाँ गोमती में मिलती हैं।

वरुणा नदी, Varuna Nadi

  • वरुणा नदी वाराणसी, उत्तर प्रदेश में बहने वाली एक छोटी नदी है। 
  • वरुणा नदी का उद्गम स्थल जौनपुर, इलाहाबाद, प्रतापगढ की सीमा पर इनऊझ ताल के मैलहन झील पर से  होता है।
  • यह गंगा नदी की एक उपनदी है।
  • वरुणा नदी 202 किमी की यात्रा करके वाराणसी के आदिकेशव घाट पर सराय मोहना नामक स्थान पर गंगा में मिलती है।
  • ऐसा माना जाता है कि वरुणा और असी नदियों के बीच में बसे होने के कारण ही वाराणसी का यह नाम हुआ था।
  • वाराणसी का विस्तार गंगा नदी के दो संगमों वरुणा और असी नदी से संगम के बीच बताया जाता है।

 पांडु नदी Pandu Nadi

  • उत्तर- प्रदेश में बहने वाली पांडु नदी राज्य के मैदानी भाग से निकलने वाली नदियों में से एक है।
  • पांडु नदी फर्रुखाबाद से 120 किमी का सफर प्रारम्भ कर पाँच जिलों से गुजरती हुई फ़तेहपुर में गंगा नदी से मिलकर अपना अस्तित्व समाप्त कर देती है।
  • लेकिन दुःख की बात ये है कि पांडु नदी का जल कानपुर नगर आते ही अपना मूल अस्तित्व खोकर एक प्रदूषण युक्त नाले में तब्दील हो जाता है। 
  • पांडु नदी फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर तथा फतेहपुर जनपदों के गाँवों के हज़ारों एकड़ ज़मीन को सिंचाई का साधन उपलब्ध कराने में मददगार साबित होती रही है लेकिन इसे संरक्षित करने का जो प्रयास किये जाने चाहिए थे नहीं किये गए।

सई नदी Sae Nadi

  • सई नदी का उद्गम हरदोई जनपद के भेज वान झील से होता है।
  • सही नदी की लंबाई 715 किलोमीटर है।
  • सई नदी हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ़ और जौनपुर जनपद से होकर गुजरती है।
  • सई की प्रमुख सहायक नदी बकुलाही नदी है, जो कि उत्तर प्रदेश के रायबरेली , प्रतापगढ़ व इलाहाबाद में बहती है। लोनी और सकरनी जैसी छोटी नदियाँ सई की सहायक धाराएँ है।
  • सही नदी  गोमती नदी की मुख्य सहायक नदी है। 
  • यह नदी जौनपुर के राजेपुर गाँव में गोमती नदी से मिल जाती है। यह स्थान त्रिमुहानी के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन पौराणिक स्नान की मान्यता है तथा वृहद् मेले का आयोजन किया जाता है। यहां का उल्लेख रामचरित मानस के इस चौपाई में मिलता है – सई उतर गोमती नहाए, चौथे दिवस अवधपुर आए।

प्रायद्वीपीय पठार से निकलने वाली नदियाँ

प्रायद्वीपीय पठार से निकलने वाले उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियाँ चंबल नदि, बेतवा नदि, केन नदि, सोन नदि, टोंस नदि, कन्हार नदि, तथा रिहंद नदि हैं।

चंबल नदी Chambal Nadi

  • चम्बल नदी मध्य भारत में यमुना नदी की सहायक नदी है। 
  • यह नदी “जानापाव ” बाचू पाईट महू (मध्य प्रदेश) से निकलती है।
  •  चंबल नदी कि लंबाई 252 किलोमीटर है।
  • चम्बल के अपवाह क्षेत्र में चित्तौड़, कोटा, बूँदी, सवाई माधौपुर, करौली, धौलपुर इत्यादि इलाके शामिल हैं। तथा सवाई माधोपुर, करौली व धौलपुर से गुजरती हुई राजस्थान व मध्यप्रदेश की सीमा बनाते हुए चलती है
  • इसका प्राचीन नाम “चर्मण्वती ” है। इसकी सहायक नदियाँ शिप्रा, सिन्ध (सिंध), काली सिन्ध, ओर कुनू नदी है।
  • चंबल नदी पर बनाए गए प्रमुख बांध गांधी सागर बांध, राणा प्रताप सागर बांध एवं जवाहर सागर बांध हैं।
  • चंबल नदी अपनी अवनालिका अपरदन एवं विवाह के लिए प्रसिद्ध है। 
  • चंबल नदी उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में यमुना नदी में मिल जाती है।
  • यह नदी दक्षिण की ओर मुड़ कर उत्तर प्रदेश राज्य में यमुना में शामिल होने के पहले राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच सीमा बनाती है। 
  • इस नदी पर चार जल विधुत परियोजना -गांधी सागर, राणा सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज (कोटा)- चल रही है।
  • प्रसिद्ध चूलीय जल प्रपातचम्बल (चंबल) नदी चित्तौड़गढ़ मे है चोलिया जलप्रपात की ऊंचाई 18 मीटर है और यह राजस्थान का सबसे ऊंचा जलप्रपात है।

बेतवा नदी Betwa Nadi

  • बेतवा नदी (Betwa River), जिसका प्राचीन नाम वेत्रवती (Vetravati) था, भारत के मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में बहने वाली एक नदी है। 
  • यह यमुना नदी की उपनदी है। यह मध्य प्रदेश में रायसेन ज़िले के कुम्हारागाँव से निकलकर उत्तर-पूर्वी दिशा में बहती हुई भोपाल, विदिशा, झाँसी, ललितपुर आदि ज़िलों से होकर बहती है। 
  • इसके ऊपरी भाग में कई झरने मिलते हैं, किन्तु झाँसी के निकट यह काँप के मैदान में धीमे-धीमें बहती है।
  • इसकी सम्पूर्ण लम्बाई 480 किलोमीटर है। 
  • यह बुंदेलखण्ड पठार की सबसे लम्बी नदी है। 
  • यह हमीरपुर के निकट यमुना में मिल जाती है। 
  • इसके किनारे सांची और विदिशा के प्रसिद्ध व सांस्कृतिक नगर स्थित हैं। 
  • बीना नदी इसकी एक प्रमुख उपनदी है।

केन नदी Ken Nadi

  • केन नदी का उद्गम कैमूर पहाड़ियों (मध्य प्रदेश) से होता है। 
  • केन नदी को कर्णावती उपनाम से भी जाना जाता है। 
  • केन नदी भोजहा (बांदा जिला) के पास यमुना नदी में मिलती है।

सोन नदी Son Nadi

  • सोन नदी का उद्गम शेषाकुंड (अमरकंटक की पहाड़ियों – मध्य प्रदेश) से होता है। 
  • सोन नदी उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर एवं सोनभद्र जिलों से होकर बहती है सोन नदी की सहायक नदियाँ रिहंद, कनहर तथा उत्तरी कोयल आदि हैं।

टोंस नदी Tons Nadi

  • टोंस नदी का उद्गम तार्माकुंड, कैमूर श्रेणी (मध्य प्रदेश) से होता है। टोंस नदी की प्रमुख सहायक नदी बेलन नदी है। टोंस नदी सिरसा (प्रयागराज) के पास गंगा नदी में मिलती है।
  • नोट- टोंस नामक एक अन्य नदी है जिसका उद्गम बंदरपूंछ पहाड़ी (उत्तराखंड) से होता है, जो कि यमुना नदी में मिलती है परंतु यह नदी उत्तर प्रदेश में नहीं बहती है।

कर्मनाशा नदी Kamrnasha Nadi

  • कर्मनाशा नदी का उद्गम बिहार के कैमूर जिले में स्थित कैमूर श्रेणियों से होता है। 
  • कर्मनाशा नदी गंगा की एक सहायक नदी है। 
  • कर्मनाशा नदी उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के मैदानी भागों से होते हुए आगे बिहार एवं उत्तर प्रदेश की सीमा का निर्धारण करती है। 
  • बिहार के बक्सर जिले में स्थित चौसा ब्लॉक के पास कर्मनाशा नदी, गंगा में मिल जाती है।

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