
विटामिन की कमी से होने वाले रोग
विटामिन की कमी से बहुत प्रकार के रोग होते है। हर विटामिन का हमारे शरीर को सुरक्षित रखने के लिए अपना अपना काम होता हैं और हर विटामिन के अपने अलग अलग स्रोत होते है। आइये जाने किस विटामिन की कमी से क्या रोग होते है और विटामिन की पूर्ति के स्रोतों के बारे में।
विटामिन ए की कमी से होने वाले रोग
विटामिन ए की कमी से वृद्धि रुकना रतौधी व जीरोप्थैलमिया, मोतियाबिंद, संक्रमणों का खतरा, त्वचा शुष्क व शल्की, त्वचा और झिल्लियों में परिवर्तन का आना, आंख के सफेद हिस्से में धब्बे, दोषपूर्ण दांत आदि।
विटामिन A की कमी के लक्षण
रात के समय कम दिखाई देनात्वचा में सुखा पन आनाआंखों का सुखनासंवेदी क्षमता में कमी आना
विटामिन बी1 की कमी से होने वाले रोग
- विटामिन बी1 की कमी से बेरी बेरी, वृद्धि का रुकना, भूख और वजन का घटना, एनीमिया, मंदबुद्धि, त्वचा की बीमारियां, तंत्रिका विकास, थकान का होना, बदहजमी, पेट की खराबी आदि।
विटामिन B1 की कमी के लक्षण
चिड़चिड़ापन महसूस करना।मांसपेशियों में कमजोरी होना।हृदय का आकार बढ़ना।उलझन महसूस करना।तीव्रता से वजन घटना।थकान महसूस होना।याददाश्त कमजोर होना।तंत्रिकाओं में क्षति होना।भूख कम लगना।हाथों और पैरों में झुनझुनी का आभास होना।
विटामिन बी2 की कमी से होने वाले रोग
- विटामिन बी2 की कमी से त्वचा का फटना, आँखों का लाल होना, वृद्धि का रुकना, धुधली दृष्टि का होना, जीभ पर छाले का पड़ जाना ,असमय बुढ़ापा आना, प्रकाश ना सह पाना आदि।
विटामिन B2 की कमी के लक्षण
जीभ में सूजन आना।आंखे जल्दी थक जाना।गले में दर्द या सूजन आना।धुंधला दिखाई देना।आंखों में दर्द और खुजली होना।आंखों से खून जैसे धब्बे और पानी आना।कमजोरी आना।आंखे प्रकाश के प्रति अतिसंवेदनशील हो जाना।
विटामिन बी3 की कमी से होने वाले रोग
- विटामिन बी3 की कमी से जीभ का चिकनापान, त्वचा पर फोड़े फुंसी होना, त्वचा पर दाद होना, पाचन क्रिया में गड़बड़ी, मानसिक विकारों का होना, आदि।
विटामिन B3 की कमी के लक्षण
- कमजोरी आना।
- भूख कम लगना।
- त्वचा में सूजन।
- डिप्रेशन में चले जाना।
- याददाश्त कम होना।
- थकान महसूस होना।
- जीभ में लालिमा व दर्द होना।
- आंखे प्रकाश के प्रति अतिसंवेदनशील हो जाना।
- त्वचा में अतिसंवेदनशीलता जिसमें त्वचा पर चकते भी शामिल हैं।
विटामिन बी5 की कमी से होने वाले रोग
- विटामिन बी5 की कमी से बाल सफेद होना, मंदबुद्धि होना, पेशियो में लकवा ,पैरो में जलन आदि।
विटामिन B5 की कमी के लक्षण
थोड़ा-थोड़ा पेट दर्द होना।उल्ली का आना।अनिद्रा की समस्या होना।डिप्रेशन में चले जाना।पैरों में जलन होना।थकावट महसूस करना।चिड़चिड़ापन होना।
विटामिन बी6 की कमी से होने वाले रोग
- विटामिन बी6 की कमी से एनिमिया, त्वचा रोग, मस्तिष्क का ठीक से काम ना करना, शरीर का भार कम होना आदि।
विटामिन B6 की कमी के लक्षण
ऊर्जा में कमी या थकान।उलझन महसूस होना।मांसपेशियों में दर्द।मुड़ में बदलाव जैसे चिड़चिड़ापन, चिंता और डिप्रेशन।
विटामिन बी7 की कमी से होने वाले रोग
- विटामिन बी7 की कमी से लकवा, शरीर में दर्द, बालों का गिरना तथा वृद्धि में कमी आदि।
विटामिन B7 की कमी के लक्षण
मांसपेशियों में ऐठन।त्वचा में रूखापन।तंत्रिक में क्षति।मुड़ में बदलाव।बाल कमजोर पड़ना या झड़ना।हाथों व पैरों में झुनझुनी महसूस होना।ऊर्जा में कमी या लंबे समय से थकान महसूस होना।
विटामिन बी11 की कमी से होने वाले रोग
- विटामिन बी11 की कमी से एनीमिया, पेचिस रोग आदि।
विटामिन बी12 की कमी से होने वाले रोग
- विटामिन बी12 की कमी से एनिमिया, पांडुरोग रोग, रुधिर की कमी।
विटामिन B12 की कमी के लक्षण
कमजोरी, थकान या सिर घुमना।कम दिखना।दिल घबराना और सांस फूलना।त्वचा में पीलापन।जीभ में चिकनापन।कब्ज, दस्त, भूख कम लगना या पेट मैं गैस बनना।तंत्रिक संबंधी समस्याएं जैसे:- झुनझुनी मांसपेशियों में कमजोरी और चलने में कठिनाई।मानसिक समस्याएं जैसे:- डिप्रेशन, याददाश्त कम होना और व्यवहार में बदलाव।
विटामिन सी की कमी से होने वाले रोग
- विटामिन सी की कमी से मसूड़े फूलना, अस्थियों के चारो ओर श्राव, स्कर्वी, अस्थियां कमजोर होना, शरीर में थकान, मासंपेशियों की कमजोरी, मसूढ़ों से खून आना, टांगों में चकत्ते पड़ना आदि।
विटामिन C की कमी के लक्षण
- मसूड़ो में खून बहना।
- चोंट का ना भरना।
- जोड़ों में सूजन।
- धीमी गति से घाव भरना।
- शरीर में थकान महसूस होना।
विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग
- विटामिन डी की कमी से सूखा रोग (रिकेट्स), ऑस्टियोमलेशिया, कमजोर दांत, दातों का सड़ना आदि।
- विटामिन D की कमी से हमारे शरीर हड्डियां कमजोर हो जाती है, अगर इसकी ज्यादा मात्रा में कमी हो तो हमारे हाथ पांव की हड्डियों में बिल्कुल जान नही रहती है और जिससे चलना भी मुश्किल हो जाता है।
- इसकी कमी से हाथ-पांव की हड्डियां टेढ़ी भी हो सकती है।
- आपने अक्सर देखा होगा कुछ मोटे लोग चल भी नही पाते है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इनमें विटामिन D की कमी होती है।
- मोटापा विटामिन D के स्तर को कम करता है। इसलिय मोटे लोगों को विटामिन D की पूर्ति के लिये मोटापा कम करना बहुत ही आवश्यक है।
विटामिन D की कमी के लक्षण
- शरीर में ज्यादा थकान लगना, बोन फ्रैक्चर, मांसपेशियों में खिंचाव, जोड़ों में दर्द, हृदय की बीमारी, रोग प्रतिरोधक क्षमता, बच्चों में गंभीर अस्थमा, जोड़ों में दर्द, हाथ-पैर दर्द, मांशपेशियों की कमजोरी, मल्टिपल सिरोसिस, एक्जिमा, थकान, डायबिटीज, कैंसर, टीबी, हड्डी का दर्द जैसे पीठ दर्द आदि होता है।
विटामिन ई की कमी से होने वाले रोग
- विटामिन E हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाये रखने में सहायक होते हैं। ये हमारे शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक विटामिन होता हैं।
- विटामिन E की कमी से हमारे शरीर में एलर्जी होती है, केलोस्ट्रोल बढ़ जाता है, इसकी कमी में समय से पहले हुवे नवजात शिशु के खून में कमी आ जाती है, नवजात शिशुओं में हेमोलिटिक एनीमिया हो सकता है।
- विटामिन ई की कमी से जनन शक्ति का कम होना।
- हेमोलिटिक एनीमिया, न्यूरोलॉजिकल बीमारियाँ, बच्चों का सिस्टिक फ़ायब्रोसिस, मसल वीकनेस, रेटिनोपैथी, अल्झाइमर, पार्किन्सन डिजीज, डेमेंशिया आदि
विटामिन E की कमी के लक्षण
- बार बार डायरिया होना।
- थकावट सी लगना।
- कमजोर हड्डियाँ।
- घाव जल्दी न भरना।
- मसूढ़ों से खून आना।
- गर्मियों में नाक से खून आना।
- चिकना मल होना।
- मांशपेशियों में दर्द और कमजोरी।
- शरीर संचालन में समस्या होना
- स्किन रोग
- बाल झड़ना आदि
विटामिन के Vitamin K की कमी से होने वाले रोग
- विटामिन K की कमी से रक्त का थक्का औसतन 2 से 5 मिनट में जमता हैं किंतु हीमोफीलिया (अनुवांशिक रोग) से पीड़ित व्यक्ति के रक्त का थक्का आधा घण्टा से 24 घण्टे तक रक्त का थक्का नहीं जमता हैं।
- यह रोग अधिकांश पुरुषों में होता हैं। किंतु महिलाओं के 23 जोड़े के गुण सूत्र (XX) में परिवर्तन से यह महिलाओं में भी हो जाता हैं इस रोग की वाहक महिलाओं में भी हो जाता हैं। इस रोग की वाहक महिलाओं को माना जाता हैं।
- विटामिन K की कमी का लक्षण अत्याधिक रक्त बहना
- नोट:- हाल्टर के अनुसार यह रोग महारानी विक्टोरिया से फैलना शुरू हुआ था।
- विटामिन के की कमी से रक्त का थक्का न जमना, ऐंठन, हीमोफीलिया आदि।
फोलिक एसिड Folic Acid की कमी से होने वाले रोग
- फोलिक एसिड की कमी से अनीमिया तथा पेचिश रोग होता है ।
विटामिन की पूर्ति के स्रोत Sources of Vitamin Supply
विटामिन A की पूर्ति के स्रोत
- विटामिन A दूध, मक्खन, गहरे हरे रंग की सब्जियां। शरीर पीले और हरे रंग के फल व सब्जियों में मौजूद पिग्मैंट कैरोटीन को भी विटामिन ‘ए’ में बदल देता है।
- यह आंख के रेटिना, सरीखी शरीर की झिल्लियों, फ़ेफ़डों के अस्तर और पाचक-तंत्र प्रणाली के लिए आवश्यक है।
विटामिन B के स्रोत
- विटामिन-B हमारे शरीर की कोशिकाओं में पाए जाने वाले जीन व डीएनए के निर्माण करने व उनकी मरम्मत में मदद करता है।
- विटामिन B के कॉम्प्लेक्स B1, B2, B3, B5, B6, B7, B11 और B12 होते हैं।
- विटामिन B बुद्धि, रीढ़ की हड्डी,लाल रक्त कणिकाओं का निमार्ण और नसों के तत्वों को बनाने में सहायक होता है।
- इसकी कमी से त्वचा से जुड़ी बिमारियां बेरी-बेरी, एनीमिया, मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियां होने की संभावना जैसे मंदबुद्धि, आदि बीमारियां होती है,जो काफी गंभीर होते है।
- विटामिन B की कमी ज्यादातर शाकाहारी लोगों में होती है क्योंकि विटामिन B ज्यादातर जानवरों के मांस में पाया जाता है। इसलिए विटामिन B की कमी से होने वाले रोगों का प्रभाव मांसाहारी लोगों पे बहुत कम पड़ता है।
- विटामिन B ज्यादातर मांसाहारी पदार्थों में भरपूर मात्रा में पाया जाताहै। मांसाहारी पदार्थ जैसे मीट, मछ्ली, अंडा, चिकेन आदि
- शाकाहारी पदार्थों जैसे फुलगोभी, दूध आदि। ये ज्यादातर जमीन के अंदर उगने सब्जियों आलू, मूली, गाजर आदि में पाए जाते है।
विटामिन B1 के स्त्रोत
- मुंगफली, तिल, सुखी मिर्च, बिना घुली दाल, अंडा, सब्जियां आदि हैं।
विटामिन B2 के स्त्रोत
- खमीर, कलेजी, मांस, हरी सब्जियां दूध आदि हैं।
विटामिन B3 के स्त्रोत
- मांस, मुंगफली, आलू, टमाटर, सब्जियां आदि हैं।
विटामिन B5 के स्त्रोत
- मांस, दूध, मुंगफली, गन्ना, टमाटर आदि हैं।
विटामिन B6 के स्त्रोत
- यकृत, मांस, अनाज आदि हैं।
विटामिन B7 के स्त्रोत
- मांस, अंडा, यकृत, दूध आदि हैं।
विटामिन B11 के स्त्रोत
- दाल, यकृत ,सब्जियां, अंडा, सेम आदि हैं।
विटामिन B12 के स्त्रोत
- मांस, कलेजी, दूध आदि हैं।
विटामिन C के स्रोत
- विटामिन C एक एस्कार्बिक अम्ल होता है।
- विटामिन C शरीर की मूलभूत रासायनिक क्रियाओं में यौगिकों का निर्माण और उन्हें सहयोग करता है।
- ये विटामिन हमारे शरीर की तन्त्रिकाओं में संदेश पहुचाने में सहायक होता है और शरीर की कोशिकाओ में उर्जा प्रवाहित करता है।
- विटामिन C की कमी से स्कर्वी नामक रोग से ग्रसित होते हैं। स्कर्वी रोग के लक्षण शरीर में कमजोरी, थकान, मसूड़े फट जाते है, मसूड़ो से खून आना, मांशपेशियों व जोड़ों में दर्द होना, आदि होते है। विटामिन C की कमी से शरीर मे बहुत छोटी-छोटी बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी नही रहती हैं। इसलिये विटामिन C हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्यक होता है।
- विटामिन C के मुख्य स्रोत खट्टे रसीले फल जैसे सन्तरा, नींबू, नारंगी, आँवला,अँगूर, सेब आदि होते हैं इनमें भरपूर मात्रा में विटामिन C पाया जाता है।
- हरी सब्जियों में पालक में विटामिन C बहुत अच्छे मात्रा में पाया जाता है।
- अंकुरित चने में भी विटामिन C अच्छे मात्रा प्रदान करते हैं।
विटामिन D के स्रोत
- जब हमारे शरीर की खुली त्वचा सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में आती है तो ये किरणें त्वचा में अवशोषित होकर विटामिन डी का निर्माण करती हैं।
- अगर सप्ताह में दो बार दस से पंद्रह मिनट तक शरीर की खुली त्वचा पर सूर्य की अल्ट्रा वायलेट किरणें पड़ती हैं तो शरीर की विटामिन D की पूर्ति हो जाती है।
- विटामिन D का सबसे अच्छा स्रोत सूर्य की कीरणे हैं, यकृत तेल, दूध, चिकन, सोयाबीन, मशरूम, मछली, अंडे, सोयाबीन आदि विटामिन D के बहुत अच्छे स्रोत हैं।
विटामिन E के स्रोत
- विटामिन E ऐसा पोषक तत्व है, जोकि कई प्रकार से अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है यह हड्डियों, हृदय और मांशपेशियों को स्वस्थ बनाये रखने और इन अंगों को सही तरीके से कार्य करते रहने के लिए जरुरी हैं
- विटामिन E लाल रक्त कोशिकाएं बनाने में आवश्यक है यह शरीर में विटामिन A, विटामिन K, आयरन, सेलेनियम का सही स्तर बनाये रखता है।
- विटामिन E हरी पत्तेदार सब्जियों, बादाम, कीवी फल, मक्खन, अंकुरित गेंहूँ, वनस्पति तेल, अंडो में, दूध में, अखरोट, सरसों आदि येसे स्रोत हैं जिनमें विटामिन E भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं।
विटामिन K के स्रोत
- विटामिन K के स्त्रोत टमाटर, हरी सब्जियां, आदि हैं।