छत्तीसगढ़ का साहित्य और उसके महान साहित्यकार

छत्तीसगढ़ का साहित्य और उसके महान साहित्यकार

छत्तीसगढ़ का साहित्य और उसके महान साहित्यकार

✍️ प्रस्तावना

छत्तीसगढ़ केवल खनिजों, जंगलों और संस्कृति के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि यह राज्य लोक-साहित्य, जनकथाओं, कविताओं और नाट्य परंपरा के क्षेत्र में भी समृद्ध है। छत्तीसगढ़ का साहित्य जनभावनाओं, सामाजिक यथार्थ और लोकपरंपरा को गहराई से प्रस्तुत करता है। यहां के साहित्यकारों ने हिंदी साहित्य में भी अमिट छाप छोड़ी है।


🗣️ छत्तीसगढ़ी भाषा और साहित्य की विशेषताएँ

छत्तीसगढ़ी भाषा राज्य की लोक भाषा है और इसका साहित्य मुख्यतः मौखिक परंपरा से विकसित हुआ। छत्तीसगढ़ी साहित्य में:

  • लोकगीत

  • दोहे

  • कहानी

  • कविता

  • लोकनाटक (पंडवानी, चंदैनी गोंदा आदि)

  • भजन और धार्मिक साहित्य

महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

👉 1990 के बाद छत्तीसगढ़ी साहित्य ने लेखन, प्रकाशन और अकादमिक जगत में नई ऊंचाइयों को छुआ।


📜 छत्तीसगढ़ी साहित्य का इतिहास (संक्षेप में)

🔸 प्राचीन एवं मध्यकालीन साहित्य

छत्तीसगढ़ का प्रारंभिक साहित्य लोक परंपराओं और धार्मिक भावनाओं से ओतप्रोत था। बंजारी, सतनाम पंथ, कबीर पंथ जैसे आंदोलनों ने इसे प्रभावित किया।

🔸 आधुनिक काल (20वीं शताब्दी के बाद)

हिंदी और छत्तीसगढ़ी दोनों भाषाओं में लिखने वाले साहित्यकारों का उदय हुआ। स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक कुरीतियों, जनजीवन और असमानता को विषय बनाकर साहित्य रचा गया।


🏆 प्रमुख छत्तीसगढ़ी साहित्यकार एवं उनका योगदान

1. डॉ. नरेंद्र देव वर्मा

  • छत्तीसगढ़ राज्य गीत "अरपा पैरी के धार" के रचयिता।

  • उन्होंने छत्तीसगढ़ की माटी, संस्कृति और जनसंघर्ष को अपनी रचनाओं में प्रस्तुत किया।

2. डॉ. श्यामलाल चतुर्वेदी

  • प्रसिद्ध पत्रकार, कवि और छत्तीसगढ़ी साहित्य के पुरोधा।

  • उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

  • प्रमुख कृतियाँ – "करे जउन झन भुलाय", "बिरला मनखे" आदि

3. पंडवानी की परंपरा – तीजनबाई

  • पंडवानी लोकगाथा गायन शैली की प्रसिद्ध गायिका

  • महाभारत की कथाओं को छत्तीसगढ़ी में प्रस्तुत करती हैं।

  • पद्मभूषण से सम्मानित।

4. भोजराम देवांगन

  • छत्तीसगढ़ी कविता और लोकभाषा के सजग रचनाकार।

  • छत्तीसगढ़ी व्याकरण पर कार्य किया।

5. डॉ. सुरेन्द्र दुबे

  • हास्य-व्यंग्य के प्रसिद्ध लेखक।

  • "हमर आंगन" जैसे कार्यक्रमों से प्रसिद्धि मिली।

6. लक्ष्मण मस्तुरिया

  • छत्तीसगढ़ के जनकवि।

  • भटगांव के रहने वाले, जन आंदोलनों से जुड़े रहे।

  • कविता संग्रह: "गीत गा मितान", "जन जन के गीत"


🎭 छत्तीसगढ़ी साहित्य की विधाएँ

1. कविता

छत्तीसगढ़ी कविताएं जीवन के यथार्थ, संघर्ष और प्रकृति से गहरे जुड़ी होती हैं।
👉 प्रमुख कवि – लक्ष्मण मस्तुरिया, विश्वरंजन, खुमान लाल साव

2. नाटक एवं लोकनाट्य

  • चंदैनी गोंदा: हबीब तनवीर द्वारा प्रस्तुत छत्तीसगढ़ का लोकनाट्य।

  • नाचा: हँसी-ठिठोली और सामाजिक व्यंग्य से भरा मंचन।
    👉 हबीब तनवीर इस विधा के प्रमुख प्रचारक थे।

3. कहानी और उपन्यास

छत्तीसगढ़ी कहानीकारों ने ग्राम्य जीवन, नारी जीवन, भेदभाव और जातिवाद को स्वर दिया।
👉 प्रमुख कथाकार: हरिशंकर परसाई (मूलतः हिंदी के लेखक, छत्तीसगढ़ से जुड़े), बंशीलाल चतुर्वेदी


📰 आधुनिक छत्तीसगढ़ी साहित्य का विकास

  • छत्तीसगढ़ी अकादमी की स्थापना के बाद साहित्य को नई दिशा मिली।

  • छत्तीसगढ़ी साहित्य पर शोध, पत्रिका प्रकाशन, नाट्य मंचन में वृद्धि हुई।

  • विश्व छत्तीसगढ़ महोत्सव, राज्य स्तरीय साहित्यिक सम्मेलन, साहित्य समागम जैसे आयोजन नियमित रूप से होने लगे हैं।


📚 छत्तीसगढ़ी साहित्य में प्रकाशित पत्रिकाएँ

  • छत्तीसगढ़ी संसार

  • अरपा

  • गाथा छत्तीसगढ़

  • कृष्णायन

इन पत्रिकाओं ने छत्तीसगढ़ी लेखकों को मंच दिया है।


🏛️ विश्वविद्यालय और शोध संस्थान

  • पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर

  • गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर

  • इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़

  • ये संस्थान छत्तीसगढ़ी भाषा और साहित्य में शोध कार्य करवा रहे हैं।


📖 पाठ्यक्रम में छत्तीसगढ़ी साहित्य

अब छत्तीसगढ़ी साहित्य को स्कूली और विश्वविद्यालयी शिक्षा में सम्मिलित किया गया है। इससे नई पीढ़ी को अपने मूल साहित्य से जुड़ने का अवसर मिल रहा है।


🪔 निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ का साहित्य जनजीवन की आवाज, संघर्षों की गाथा और सांस्कृतिक आत्मा को दर्शाता है। यहां के साहित्यकारों ने लोक से लेकर विश्व मंच तक अपनी रचनाओं से प्रभाव डाला है।
यह साहित्य केवल शब्दों का संग्रह नहीं, बल्कि माटी की महक, श्रम की गूंज और आत्मा की अनुभूति है।


❓FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q. छत्तीसगढ़ के राज्य गीत के रचयिता कौन हैं?
➡️ डॉ. नरेंद्र देव वर्मा

Q. छत्तीसगढ़ी साहित्य में पंडवानी क्या है?
➡️ यह महाभारत आधारित गाथा गायन की लोक विधा है।

Q. प्रसिद्ध साहित्यकार हबीब तनवीर किस विधा से जुड़े थे?
➡️ नाटक और रंगमंच

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